MP Weather Update : मध्यप्रदेश में इन दिनों एक मानसून ट्रफ उत्तरी और पश्चिमी हिस्से से गुजर रही है। एक अन्य ट्रफ बीचोंबीच में है। एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव है। इस वजह से तेज बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत 26 जिलों में बारिश हुई। शुक्रवार सुबह से भोपाल में रिमझिम बारिश हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज श्योपुर, नीमच और मंदसौर में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। अगले 24 घंटे में यहां साढ़े 8 इंच तक पानी गिर सकता है। ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, रतलाम, आगर-मालवा, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश का यलो अलर्ट है। बाकी जिलों में हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है।
मध्यप्रदेश से ये तीन सिस्टम गुजर रहे
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि एक मानसून ट्रफ दतिया, सीधी से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। वहीं, एक अन्य ट्रफ मध्यप्रदेश के बीचोंबीच से निकल रही है। दक्षिणी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी देखने को मिल रही है। इन वजहों से प्रदेश में तेज बारिश का दौर है। अगले चार दिन के लिए कई जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
एमपी में अब तक 33.1 इंच बारिश
बता दें कि प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 33.1 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 27 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.1 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है यानी अब तक 89 प्रतिशत पानी गिर चुका है।
ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर
एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई।
ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के 8 जिलों में से 7 में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना और श्योपुर शामिल हैं। दतिया में भी 92 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है।
दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग में सिस्टम की एक्टिविटी कम देखने को मिली। इस वजह से दोनों संभाग के 15 में से 9 जिलों में कोटे की आधी बारिश भी नहीं हुई है।
भोपाल में अगस्त 2006 में 35 इंच बारिश हुई
भोपाल में अगस्त में मानसून जमकर बरसता है। इस महीने राजधानी में औसत साढ़े 35 इंच तक बारिश हो चुकी है, जो साल 2006 में हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश करीब 12 इंच 14 अगस्त 2006 को हुई थी। पिछले सालों की बात करें तो 2015 और 2022 में 30 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। भोपाल में इस महीने औसत 14 दिन बारिश होती है। इस दौरान 13 दिन तक पानी गिर जाता है।
इंदौर में 1944 में गिरा था 28 इंच पानी
इंदौर में अगस्त महीने में औसत 28 इंच बारिश का रिकॉर्ड है, जो साल 1944 में दर्ज किया गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 22 अगस्त 2020 को बना था। इस दिन साढ़े 10 इंच पानी गिरा था। पिछले 10 साल में दो बार 17 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इंदौर में अगस्त महीने की औसत बारिश 10 से 11 इंच है। महीने में 12 से 13 दिन तक बारिश होती है।
ग्वालियर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश हो चुकी
ग्वालियर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 10 अगस्त 1927 को बना था। सर्वाधिक मासिक बारिश वर्ष 1916 में 28 इंच हुई थी। इस महीने की औसत बारिश साढ़े 9 इंच है। एवरेज 12 दिन बारिश होती है।
जबलपुर में 102 साल पहले गिरा था 44 इंच पानी
जबलपुर में एक महीने में 44 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। 102 साल पहले यानी वर्ष 1923 में अगस्त महीने में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसी साल 20 अगस्त को 24 घंटे में ही 13 इंच बारिश हुई थी। यहां बादल फटने जैसी स्थिति बनी थी। जबलपुर में इस महीने की औसत बारिश 18 इंच है। करीब 16 दिन तक पानी गिरता है। पिछले 10 साल की बात करें तो साल 2019 में यहां 30.61 इंच बारिश हुई थी।
उज्जैन में अगस्त में जमकर होती है बारिश
उज्जैन में साल 2006 में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड बना था। इस साल अगस्त महीने में करीब 35 इंच बारिश हुई थी। इसी साल 24 घंटे में सर्वाधिक 12 इंच बारिश का रिकॉर्ड 10 अगस्त को बना था। उज्जैन में अगस्त की औसत बारिश 10 इंच है। 10 से 11 दिन यहां बारिश होती है।