अमरनाथ यात्रा के लिए सज गया देवों के देव महादेव का दरबार

By Ashish Meena
June 16, 2025

Amarnath Yatra 2025: जम्मू-कश्मीर: 3 जुलाई से शुरू होने वाली इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा के लिए ‘देवों के देव महादेव’ का दरबार सज रहा है। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यात्रियों के खाने-पीने और रहने तक की हर व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहलगाम और बालटाल के बेस कैंप से प्रतिदिन 15,000 यात्रियों को पवित्र गुफा में जाने की अनुमति होगी।

श्रीनगर ट्रांजिट कैंप में भव्य तैयारियां
श्रीनगर स्थित अमरनाथ यात्रा के ट्रांजिट कैंप की तस्वीर बिल्कुल बदल गई है। इसे इस तरह से सजाया जा रहा है, मानो 3 जुलाई से कश्मीर की वादियों में एक नया शहर बसने वाला हो। हर तरफ ‘बम बम भोले’ के जयकारे गूंज रहे हैं। अमरनाथ श्राइन बोर्ड और राज्य सरकार ने भक्तों के स्वागत और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। यात्रियों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था के लिए बेस कैंप में सड़कों की मरम्मत और साफ-सफाई का काम तेजी से चल रहा है।

सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा इंतजाम
ट्रांजिट कैंप के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए कैंप में 260 से अधिक शौचालय, 110 से अधिक वॉशरूम और मोबाइल यूरिन पॉइंट्स की व्यवस्था की गई है। प्रतिदिन इस कैंप में 5,000 से अधिक लोगों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम होगा। इसके लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड और यात्रा से जुड़े सभी विभाग मिलकर तेजी से काम कर रहे हैं। 200 से अधिक लोगों को रोजाना कैंप में बने गुलाबी और ब्लू टॉयलेट्स की सफाई का जिम्मा सोपा गया है। इसके अलावा, कैंप के चारों तरफ सफाई की देखभाल में श्रीनगर म्यूनिसिपल कमेटी के लोग भी शामिल रहेंगे।

अंतिम चरण में हैं सभी तैयारियां
अमरनाथ यात्रा से संबंधित विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जो थोड़ी-बहुत कमी रह गई है, उसे भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए लंगर व्यवस्था और ट्रांजिट कैंप में रंग-रोगन का काम चल रहा है। सड़कों की साफ-सफाई हो रही है, बिजली का काम भी पूरा हो गया है, और कैंप के चारों ओर सुरक्षा का कड़ा पहरा बिठा दिया गया है।

बालटाल मार्ग के यात्रियों के लिए व्यवस्था
श्रीनगर के इस यात्रा कैंप में उन सभी पंजीकृत यात्रियों को रहने की अनुमति दी जाएगी, जो बालटाल के रास्ते से बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाएंगे और दर्शन कर वापस लौटेंगे। इसके अलावा, यात्रा के दोनों मार्गों पर, पहलगाम के नुनवान बेस कैंप और बालटाल के बेस कैंप तक यात्रियों के रहने, खाने-पीने और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। अब बस इंतजार है तो बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों का।

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आशीष मीणा को पत्रकारिता में 5 साल हो चुके है। इंदौर के श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (DAVV) से आशीष मीणा ने पत्रकारिता की डिग्री हासिल की है। इंदौर के अग्निबाण जैसे कई प्रतिष्ठित अखबारों में काम करने के बाद आशीष मीणा ने यहां तक का सफर तय किया है।