बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले एक तरफ जहां राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। वहीं, दूसरी तरफ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियो की एक रिपोर्ट ने सनसनी फैला दी है। बिहार में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के घुसपैठ की खबर है।
बिहार पुलिस मुख्यालय (PHQ) ने राज्यभर में हाई अलर्ट जारी किया है। खुफिया सूत्रों से मिली अहम जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के तीन कुख्यात आतंकवादी नेपाल के रास्ते बिहार में दाखिल हो चुके हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के बीच यह खबर सामने आई है, जिससे पूरे तंत्र में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी नेपाल के रास्ते बिहार में घुसे हैं। इनमें हसनैन अली (रावलपिंडी निवासी), आदिल हुसैन (उमरकोट निवासी) और मोहम्मद उस्मान (बहावलपुर निवासी) शामिल हैं।
सभी के पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने की खबर है। आतंकियों की घुसपैठ की खबर के बाद पूरे राज्य में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। पुलिस मुख्यालय ने इसे लेकर पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया है।
खुफिया इनपुट के आधार पर आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों का मकसद बिहार में किसी बड़ी घटना को अंजाम देना था। हालांकि, इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। आशंका जताई जा रही है कि तीनों आतंकी बिहार में अररिया जिले से घुसे होंगे। फिलहाल जांच चल रही है।
इससे 3 महीने पहले मई में 20 दिनों में 18 संदिग्ध बिहार में घुसे थे। इनमें एक खालिस्तानी भी पकड़ाया था। बिहार नेपाल से 729 किमी लंबी बॉर्डर साझा करता है। बिहार के 7 जिले नेपाल बॉर्डर से लगे हुए हैं। यहीं से घुसपैठ होती है, क्योंकि पूरी बॉर्डर खुली है।
नेपाल बॉर्डर की सुरक्षा का जिम्मा SSB के पास
भारत की जमीनी सीमाएं 7 देशों चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और अफगानिस्तान से लगती है। जबकि, समुद्री सीमाएं श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया के साथ लगती हैं।
नेपाल और भूटान बॉर्डर की सुरक्षा SSB, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा BSF, चीन बॉर्डर की सुरक्षा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और म्यांमार बॉर्डर की सुरक्षा असम राइफल्स के जिम्मे है।
बिहार से सीधा नेपाल का बॉर्डर लगता है। जबकि, बांग्लादेश बॉर्डर की दूरी बिहार के किशनगंज से करीब 20 किमी है। भारत से नेपाल का 1751 किलोमीटर लंबा बॉर्डर लगता है। इसमें से सबसे अधिक 729 किमी बिहार से सटा है।
3 तरीकों से नेपाल से बिहार में एंट्री आसान
भारत और नेपाल के बीच ओपन बॉर्डर है। इससे लोगों को आने-जाने में आसानी होती है। नेपाल से बिहार के रास्ते भारत में एंट्री काफी आसान है। यह तीन तरीके से होती है।
पहला: नेपाल के काठमांडू में ट्रैवल एजेंट भारत में एंट्री कराते हैं। ये फर्जी तरीके से नेपाली नागरिकता और भारतीय पहचान पत्र तक तैयार करते हैं।
काठमांडू में सीमा हैदर ने भारत का फर्जी आधार कार्ड बनवाया था।
दूसरा: नेपाल सीमा की पगडंडी के रास्ते अधिकतर घुसपैठ होती है। ये पगडंडियां नेपाल और भारत के बॉर्डर पर बसे गांवों में होती हैं। घुसपैठ करने वाले गांव के लोगों को लालच देकर एंट्री कर लेते हैं।
तीसरा: नेपाली और भाक्यों रतीय शक्ल के दिखने वाले विदेशी खुद से बॉर्डर क्रॉस कर जाते हैं। अक्सर संदेह होने या खुफिया जानकारी पर ही बॉर्डर पर जांच होती है।
नेपाल बॉर्डर पर सख्ती क्यों जरूरी है?
दरअसल, खुफिया एजेंसियां भारत-नेपाल बॉर्डर को अब पाकिस्तान सीमा जितना ही संवेदनशील मान रही हैं, क्योंकि नेपाल में टूरिस्ट वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या 3,000 से अधिक है।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल में मौजूद कई पाकिस्तानी नागरिक भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। बड़ी संख्या में पाकिस्तानी आतंकी डंकी रूट के सहारे पहले अवैध रूप से नेपाल में घुसते हैं। फिर बिहार के रास्ते भारत में घुसने की कोशिश रहती है। जानकारी के मुताबिक, कई पाकिस्तानी नागरिकों ने तो नेपाली महिलाओं से शादी कर ली और वहीं बस गए।
दो साल पहले पाकिस्तान से आई सीमा हैदर
13 मई 2023 को पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर नेपाल के रास्ते अपने बच्चों के साथ अवैध रूप से अपने प्रेमी के मिलने भारत पहुंच गई। वो अपने चार बच्चों के साथ काठमांडू से होते हुए भारत में घुसी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा कस्बे में रहने लगी।
फिलहाल, सीमा हैदर के पासपोर्ट की वैधता और उनके दस्तावेजों की जांच अभी भी जारी है। उनके वकील एपी सिंह ने दावा किया है, ‘सभी दस्तावेज गृह मंत्रालय और एटीएस के पास जमा हैं और सीमा जमानत की शर्तों का पालन कर रही हैं।’
सीमा की भारतीय नागरिकता की मांग अभी राष्ट्रपति के पास लंबित है और उसके अवैध प्रवेश के मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। इस वजह से उसे फिलहाल डिपोर्ट नहीं किया जा रहा है।
मोतिहारी में छिपा खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार
12 मई 2025 को बिहार पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मोतिहारी में संयुक्त अभियान चलाकर 10 लाख के इनामी खालिस्तानी आतंकवादी कश्मीर सिंह गलवड्डी (उर्फ बलबीर सिंह) को गिरफ्तार किया। वह नेपाल में फर्जी नाम से रह रहा था और कपड़े बेचकर अपनी पहचान छिपा रहा था।
वह वीरगंज के रास्ते आतंकियों को भारत में लाता था। आतंकियों को वह आर्थिक मदद भी पहुंचाता था। साथ ही ट्रेनिंग की व्यवस्था करता था।उसके पास से 6 बैंक खातों में करोड़ों रुपए की फंडिंग का खुलासा हुआ। यह गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर के बीच हुई और NIA उससे पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि उसने लोकल लोगों का ट्रस्ट जीतने के लिए एक लड़की से शादी की थी।