MP OBC Reservation : मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने से जुड़ा मामला अब सुप्रीम कोर्ट में निर्णायक चरण में पहुंचने जा रहा है। शीर्ष अदालत में इस प्रकरण पर 24 सितंबर से नियमित सुनवाई शुरू होगी। इस दौरान प्रदेश सरकार की ओर से देश के सालिसिटर जनरल तुषार मेहता अपनी दलीलें रखेंगे।
ओबीसी को मिलना है 27 प्रतिशत आरक्षण
ओबीसी आरक्षण का यह विवाद पिछले कई महीनों से प्रदेश की राजनीति और सामाजिक परिदृश्य में चर्चा का विषय बना हुआ है। राज्य सरकार की ओर से बार-बार यह स्पष्ट किया जाता रहा है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के लिए वह प्रतिबद्ध है, लेकिन न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण इस पर अमल टलता जा रहा है।
इस मुद्दे पर एक अहम बैठक आयोजित हुई
शनिवार को इस मुद्दे पर एक अहम बैठक आयोजित की गई। इसमें भारत के पूर्व अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पी. विल्सन ने मध्यप्रदेश सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ताओं और अधिवक्ताओं के साथ गहन विचार-विमर्श किया। यह बैठक करीब ढाई घंटे चली और इसमें आगामी कानूनी रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर विचार किया गया। पहला, जिन 13 प्रतिशत पदों को अदालत के आदेश से रोककर रखा गया है, उन पर भर्ती प्रक्रिया की अनुमति मिले। दूसरा, प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को पूरी तरह लागू करने के लिए ठोस दलीलें तैयार की जाएं।
सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई तय
ओबीसी महासभा की कोर कमेटी के सदस्य लोकेन्द्र गुर्जर ने बताया कि समुदाय की ओर से लंबे समय से इस मामले को लेकर आवाज उठाई जा रही है। समाज का मानना है कि यह उनका संवैधानिक हक है और इसे व्यवहार में लाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई तय हो गई है, तो ओबीसी समाज को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें न्याय मिलेगा।
मध्यप्रदेश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लेकर दिल्ली में बड़ी बैठक हुई है। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भारत के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी. विल्सन की मध्यप्रदेश सरकार के विधि अधिकारियों के साथ बैठक हुई है।
24 सितंबर को ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर बैठक में रणनीति बनी है। 24 सितंबर से सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर प्रतिदिन सुनवाई होनी है।
सुप्रीम कोर्ट में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई होनी है। फिलहाल मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 13 फीसदी आरक्षण मिल रहा है।