Kalwar News : देवास जिले के कलवार गांव में इंदौर-बुधनी रेल लाइन परियोजना के लिए उपजाऊ कृषि भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों का अनशन 12वें दिन भी जारी है। भूख हड़ताल पर बैठे किसानों की हालत बिगड़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा है।
सोमवार शाम को जल के सहारे अनशन पर टिके तीन किसानों – रवि मीणा, मुंशी पठान और संतोष छानवाल – की तबीयत अचानक खराब हो गई। सीने में तेज़ जलन और शुगर लेवल कम होने की शिकायत के बाद उन्हें तत्काल कन्नौद अस्पताल में भर्ती कराया गया।
किसानों की दो-टूक मांग: रूट बदलो या संघर्ष जारी रहेगा
किसानों की मुख्य और अटल मांग है कि रेल लाइन का रूट तुरंत बदला जाए। उनका कहना है कि परियोजना का निर्माण पहले किए गए सर्वे के अनुसार बंजर, पठारी और कम उपजाऊ भूमि से किया जाना चाहिए। अनशनकारी किसानों ने साफ़ शब्दों में कहा है कि “हम अपनी उपजाऊ जमीन औने–पौने दामों पर सरकार को नहीं सौंपेंगे, चाहे इसके लिए हमारी जान ही क्यों न चली जाए।”
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने किया वीडियो कॉल
अनशनरत किसानों की बिगड़ती सेहत की खबर मिलते ही, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को वीडियो कॉल के जरिए उनसे बातचीत की। उन्होंने किसानों से भावनात्मक अपील करते हुए आमरण अनशन टालने का आग्रह किया और भरोसा दिया कि वह जल्द ही धरना स्थल पर आकर उनके संघर्ष में साथ खड़े होंगे।
हालांकि, किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं और प्रशासन उनकी बात नहीं सुनता, तब तक अनशन जारी रहेगा।
प्रशासनिक चुप्पी से किसानों में भारी आक्रोश
सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि अनशन शुरू हुए 12 दिन बीत जाने के बाद भी देवास जिला प्रशासन या रेलवे का कोई भी अधिकारी इन किसानों से बातचीत करने नहीं पहुंचा है।
किसानों और उनके परिवारों का कहना है कि सरकार और प्रशासन की यह चुप्पी उनकी पीड़ा को और गहरा रही है, जिससे उनका आक्रोश बढ़ रहा है। प्रशासन की इस बेरुखी के चलते किसानों का आंदोलन अब और भी व्यापक रूप लेता जा रहा है। कलवार गांव के इस संघर्ष को अब आस-पास के अन्य गांवों से भी भारी समर्थन मिल रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द नहीं जागी तो उनका यह संघर्ष और तेज़ किया जाएगा।