MP में दर्दनाक हादसा, खाद की लाइन में दो दिन से लगी महिला की मौत, एंबुलेंस न मिलने से बिगड़ी हालत

By Ashish Meena
November 28, 2025

MP News : मध्य प्रदेश से एक बेहद चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसने राज्य में खाद वितरण व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बागेरी में यूरिया खाद लेने के लिए पिछले दो दिनों से लाइन में लगी एक आदिवासी महिला भूरियाबाई (50 वर्ष) की तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब किसान खाद की किल्लत से बुरी तरह जूझ रहे हैं और वितरण केंद्रों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं।

कड़ाके की ठंड और मौत
मृतक महिला भूरियाबाई, गुना जिले के ग्राम कुसेपुर की निवासी थीं। परिजनों के अनुसार, भूरियाबाई मंगलवार को बागेरी खाद वितरण केंद्र पहुंची थीं।

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दो दिन का संघर्ष
भूरियाबाई को मंगलवार और बुधवार को खाद नहीं मिली। लगातार दो दिन के इंतजार के बाद जब बुधवार देर रात भी खाद नहीं मिली, तो वह केंद्र के बाहर ही कड़ाके की सर्दी में सो गईं। इसी दौरान उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। परिजनों और आसपास मौजूद किसानों ने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया।

एंबुलेंस नहीं मिली!
परिजनों का आरोप है कि समय पर एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। मजबूरन, एक किसान ने उन्हें अपने निजी वाहन से बमोरी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।

इलाज के दौरान मौत
हालत अधिक बिगड़ने पर उन्हें गुना रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान आखिरकार भूरियाबाई की मौत हो गई। एंबुलेंस न मिलने के कारण महिला की जान जाने की आशंका ने ग्रामीणों में आक्रोश पैदा कर दिया है।

प्रशासनिक हड़कंप और सिंधिया का निर्देश
महिला किसान की मौत की खबर पहुंचते ही जिला और प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मच गया। यह घटना इसलिए भी सुर्खियों में आई क्योंकि इसी दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दौरा क्षेत्र में चल रहा था।

सिंधिया का हस्तक्षेप
सिंधिया ने तत्काल प्रशासनिक अधिकारियों को पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया। हालांकि, उन्होंने क्षेत्र में चल रहे खाद संकट पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

कलेक्टर का बयान
घटना के बाद जिला प्रशासन बैकफुट पर दिखा। कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने मौत का कारण तेज शुगर की समस्या बताया और स्वीकार किया कि देर रात एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी।

प्रशासन की अपील
कलेक्टर ने किसानों से अपील की कि वे खाद वितरण केंद्रों पर रात में न रुकें, साथ ही दावा किया कि जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है और व्यवस्थित रूप से टोकन बांटे जा रहे हैं।

ब्लैक मार्केटिंग और किसान का आरोप
स्थानीय किसानों ने कलेक्टर के दावों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्रों पर खाद की कमी और अव्यवस्थित वितरण के कारण ही उन्हें दिन ही नहीं, रात में भी जागना पड़ रहा है।

सबसे गंभीर आरोप यह है कि बागेरी केंद्र पर 274 रुपये वाला यूरिया खाद का बैग ब्लैक में 400 रुपये तक बेचा जा रहा था। यह वही केंद्र है जहां यह दुखद घटना हुई। इस घटना ने मध्य प्रदेश में खाद की कालाबाजारी और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है।

खाद की लाइन में लगी एक आदिवासी महिला की मौत ने गुना प्रशासन की लापरवाही, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, और खाद के अव्यवस्थित वितरण की तीनहरी समस्या को सामने ला दिया है। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि उस गंभीर संकट का प्रमाण है जिसका सामना प्रदेश का किसान कर रहा है।

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आशीष मीणा को पत्रकारिता में 5 साल हो चुके है। इंदौर के श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (DAVV) से आशीष मीणा ने पत्रकारिता की डिग्री हासिल की है। इंदौर के अग्निबाण जैसे कई प्रतिष्ठित अखबारों में काम करने के बाद आशीष मीणा ने यहां तक का सफर तय किया है।