खातेगांव तहसील में बड़ा खुलासा, ग्राम पंचायत पुरोनी में गरीबों को बांटा जा रहा सड़ा-गला राशन! अनाज में आ रही दुर्गंध
By Ashish Meena
November 28, 2025
Khategaon News : एक तरफ मध्य प्रदेश की मोहन सरकार गरीब परिवारों को बेहतर सुविधा और साफ़-सुथरा राशन देने के बड़े-बड़े दावे कर रही हैं, वहीं ज़मीनी हकीकत इन दावों के बिल्कुल उलट है।
देवास जिले की खातेगांव तहसील से एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीब परिवारों को वितरित किए जा रहे राशन की गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
खातेगांव तहसील की ग्राम पंचायत पुरोनी में ग्रामीणों को सड़ा-गला, बदबूदार और अत्यंत खराब गुणवत्ता का राशन वितरित किया जा रहा है, अब इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में दिखा चौंकाने वाला सच
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि वितरण किए गए चावल, गेहूं और शक्कर की हालत बेहद ख़राब है। अनाज में गंदगी और कीड़े साफ दिखाई दे रहे हैं। शक्कर भी अत्यंत ख़राब गुणवत्ता की है और उसमें तेज दुर्गंध आ रही है।
देखें वीडियो – https://www.instagram.com/reel/DRmE6BgEmpV/
इस तरह का खराब खाद्यान्न देखकर ग्रामीण भड़क उठे। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि गरीब परिवारों को दिया जा रहा यह दूषित अनाज बीमारी और संक्रमण फैलाने का सीधा कारण बन सकता है। यह गरीबों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ सीधा खिलवाड़ है।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल
यह मामला न केवल वितरण की प्रक्रिया पर, बल्कि पूरे खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला पर बड़े सवाल खड़े करता है। जिम्मेदारी किसकी? स्थानीय स्तर पर यह सवाल उठ रहा है कि इतना खराब गुणवत्ता वाला राशन पंचायत स्तर तक कैसे पहुँच गया? क्या इस अनाज की गुणवत्ता जांच (Quality Check) रास्ते में कहीं भी नहीं की गई?
जाँच की मांग
ग्रामीणों ने तत्काल प्रशासन से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह केवल लापरवाही का मामला नहीं है, बल्कि यह गरीबों के हक और खाद्य सुरक्षा के साथ किया गया एक जघन्य अपराध है।
सरकार के ‘साफ़ राशन’ के दावों पर बड़ा सवाल
यह घटना सीधे तौर पर सरकारी वितरण प्रणाली और खाद्य सुरक्षा योजनाओं पर सवाल खड़े करती है। सरकार भले ही ‘बेहतर सुविधा’ का दावा करे, लेकिन जब गरीबों को ही बदबूदार और गंदगी से भरा राशन मिल रहा हो, तो इन दावों की विश्वसनीयता शून्य हो जाती है।
