Indian Rupee: रुपया पहली बार डॉलर के मुकाबले इतना निचे आया, सोना, क्रूड ऑयल और विदेशी सामान होंगे महंगे, डिटेल में जानें सबकुछ
By Ashish Meena
December 4, 2025
Indian Rupee : भारतीय रुपया आज यानी 4 दिसंबर को डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। PTI के अनुसार आज डॉलर के मुकाबले रुपया 28 पैसे गिरकर 90.43 के स्तर पर आ गया है। कल यानी 3 दिसंबर को ये 90.15 के स्तर पर बंद हुआ था।
इम्पोर्ट और विदेश यात्रा महंगी
रुपये की इस तीव्र गिरावट का सीधा असर आम नागरिक की जेब पर पड़ेगा।
आयात महंगा
भारत के लिए विदेशी वस्तुओं का आयात (Import) करना महंगा हो जाएगा, जिससे आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और अन्य सामानों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
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विदेश में शिक्षा और यात्रा
विदेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए अब फीस, रहने-खाने का खर्च और अन्य चीजें काफी महंगी हो जाएंगी। अब $1 के लिए उन्हें ₹90.43 खर्च करने होंगे, जबकि पहले यह दर काफी कम थी।
रुपये की गिरावट के पीछे 4 प्रमुख कारण
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, रुपये पर आए इस जबरदस्त दबाव के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारक जिम्मेदार हैं।
अमेरिकी टैरिफ का खतरा
US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा ने बाजार में भारी अनिश्चितता पैदा कर दी है। इससे भारत का निर्यात घट सकता है, जिससे विदेशी मुद्रा की आमद कम हो रही है।
FIIs की रिकॉर्ड बिकवाली
जुलाई 2025 से अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय संपत्तियों से ₹1.03 लाख करोड़ से अधिक की रिकॉर्ड निकासी की है। यह डॉलर की मांग बढ़ा रहा है और रुपये को नीचे धकेल रहा है।
आयातकों द्वारा डॉलर की स्टॉकपिंग
तेल, सोने की कंपनियां और अन्य आयातक हेजिंग और टैरिफ की अनिश्चितता के डर से डॉलर खरीदकर स्टॉक कर रहे हैं, जिससे बाजार में डॉलर की कमी हो रही है।
RBI का कम हस्तक्षेप
LKP सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने बताया कि इस बार RBI का हस्तक्षेप पिछले संकटों की तुलना में काफी कम रहा है, जिससे गिरावट को तेजी मिली है।
आगामी RBI पॉलिसी पर सबकी नजर
बाजार अब शुक्रवार को आने वाली RBI की पॉलिसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। ऐसी उम्मीद है कि सेंट्रल बैंक रुपये को स्थिर करने और ओवरसोल्ड (Oversold) हो चुकी करेंसी को सहारा देने के लिए कुछ कड़े कदम उठाएगा।
