पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री का निधन, राष्ट्रीय राजनीति में शोक की लहर
By Ashish Meena
दिसम्बर 12, 2025
Shivraj Patil passes away : कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार को लातूर में 90 साल की उम्र में निधन हो गया. पाटिल ने सुबह करीब 6:30 बजे लातूर में अपने घर पर आखिरी सांस ली, जहां वे लंबी बीमारी के कारण घर पर ही देखरेख में थे.
शिवराज पाटिल ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई अहम पद संभाला, जिसमें लोकसभा स्पीकर और केंद्रीय कैबिनेट में कई अहम पद शामिल हैं. पाटिल ने लातूर लोकसभा सीट से सात बार जीत हासिल की.
उनके गुजर जाने के बाद पूरे महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजनीति में शोक का माहौल है, क्योंकि पाटिल को भारतीय राजनीति में एक शांत, संयत और बेहद मेहनती नेता के तौर पर जाना जाता था.
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शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को लातूर जिले के चाकुर में हुआ था. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पहले आयुर्वेद का अभ्यास किया और फिर मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा ली. राजनीति में उनका सफर 1967 में शुरू हुआ, जब उन्होंने लातूर नगर पालिका में काम संभाला. यह शुरुआत आगे चलकर एक बड़े राजनीतिक करियर की नींव बनी.
1980 में वे पहली बार लातूर लोकसभा सीट से सांसद बने और उसके बाद लगातार सात बार इसी सीट से जीतकर संसद पहुंचे. यह उपलब्धि उन्हें महाराष्ट्र के सबसे प्रभावशाली नेताओं में जगह दिलाती है. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकारों में उन्होंने रक्षा, वाणिज्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण विभागों में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभाई.

शिवराज पाटिल, 1991 से 1996 तक लोकसभा के स्पीकर रहे. अपने कार्यकाल में उन्होंने लोकसभा के आधुनिकीकरण, कंप्यूटरीकरण, कार्यवाही के सीधा प्रसारण और नई लाइब्रेरी बिल्डिंग के निर्माण जैसे कामों को तेजी दी. यह समय भारतीय संसद के तकनीकी और प्रशासनिक बदलाव का अहम दौर माना जाता है.
2004 में चुनाव हारने के बावजूद उन्हें केंद्र में गृह मंत्री बनाया गया. लेकिन 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया. बाद में उन्हें पंजाब का गवर्नर और चंडीगढ़ का प्रशासक बनाया गया, जहां उन्होंने 2010 से 2015 तक सेवा दी.
