सरकार का नया नियम, सिम कार्ड खरीदने से पहले हो जाएं सावधान! इनपर लगेगा 10 लाख का जुर्माना

समय के साथ स्मार्टफोन की भी डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में स्मार्टफोन को इस्तेमाल करने के लिए उसमें सिम कार्ड की भी आवश्यकता होती है। लेकिन आजकल साइबर क्राइम इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि लोग गलत सिम कार्ड के उपयोग से लोगों के साथ ठगी करते हैं। इस तरह के अपराध को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा मोबाइल नंबर के द्वारा होने वाली ठगी पर लगाम लगाने के लिए कई कठोर कदम उठाए गए हैं।

लेकिन इसके बावजूद भी क्राइम पूरी तरह से रुक नहीं रहे हैं। ऐसे में अब दूरसंचार विभाग द्वारा अक्टूबर में एक नया नियम लागू किया जाएगा। जिसके तहत अब एक छोटी सी गलती 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भुगतने पर मजबूर कर सकती है। तो चलो आपको बताते हैं कि दूरसंचार विभाग द्वारा क्या नया नियम लाया जा रहा है, जिससे क्या परिवर्तन होने वाला है।

दरअसल, दूरसंचार कंपनियों को गैर-पंजीकृत विक्रेताओं के जरिए सिम कार्ड की बिक्री करने पर नए नियमों के अनुसार 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। इस विषय में दूरसंचार विभाग द्वारा गुरुवार को ही एक पत्र के माध्यम से जानकारी साझा की गई है। यह नया नियम अक्टूबर महीने में लागू किया जाएगा फिलहाल इस पर काम किया जा रहा है उसे नए नियम के बाद काफी हद तक फर्जी सिम और अपराधों पर लगाम लगेगी।

बता दें कि, दूरसंचार कंपनियों को 30 सितंबर के पहले अपने सभी बिक्री केंद्रों (पीओएस) का पंजीकरण कराना है। इतना ही नहीं यदि लाइसेंसधारक 30 सितंबर के बाद किसी नए पीओएस को पंजीकरण के बगैर ग्राहकों के नामांकन की अनुमति देता है, तो प्रत्येक लाइसेंसधारक पर संबंधित लाइसेंस सेवा क्षेत्र प्रति पीओएस 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाएगा।

इतना ही नहीं इसके अलावा गैर-पंजीकृत बिक्री केंद्रों के जरिये चालू किए गए सभी मोबाइल कनेक्शन का भी मौजूदा नियमों के अनुसार दोबारा सत्यापन किया जाएगा। देखा जाए तो पहले कोई भी केंद्र सिम कार्ड भेज सकता था। लेकिन आप बिना पंजीकरण के सिम कार्ड नहीं भेज सकेंगे इसके लिए 30 सितंबर से पहले इन्हें भी पंजीकरण करवाने की जरूरत है हालांकि रिचार्ज करने के लिए पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी।

पंजीकरण करवाने के लिए दस्तावेजों की होगी जरूर
कॉरपोरेट पहचान संख्या (सीआईएन), सीमित देयता भागीदारी पहचान संख्या (एलएलपीआईएन) या व्यवसाय लाइसेंस, आधार या पासपोर्ट, पैन, माल और सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण प्रमाणपत्र देना होगा।

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