गणपति मंदिर के पास चार मंजिला इमारत गिरी, हादसे में 2 लोगों की मौत, मलबे में दबे कई लोग

By Ashish Meena
August 27, 2025

Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी के दिन महाराष्ट्र के वसई-विरार में गणपति मंदिर के पास चार मंजिला इमारत भरभराकर ढह गई। हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई है। मलबे में 20 लोगों के फंसे होने की आशंका है। इससे मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

वहीं 9 लोगों का मलबे से रेसेक्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया है। हादसा देर रात लगभग 1.00 बजे के आस-पास की है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इमारत 10 साल पुरानी है और इसे ‘खतरनाक’ घोषित किया गया था।

एनडीआर की एक टीम मौके पर पहुंच गई है और तलाशी अभियान जारी है। आशंका जताई जा रही है कि इमारत के मलबे में अभी 15 से 20 नागरिक फंसे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के वसई-विरार में मंगलवार- बुधवार दरमियानी रात बड़ा हादसा हो गया। रात लगभग 1 बजे विजय नगर विरार ईस्ट में गणपति मंदिर के पास एक चार माले की बिल्डिंग ताश की पत्तों की तरह भरभरकार गिर गई। बिल्डिंग के नीचे 15 से 20 लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादस में 2 लोगों की मौत हो गई है।

स्वामी समर्थ नगर, रामू कंपाउंड, नारंगी फाटा, विरार में रमाबाई अपार्टमेंट नामक चार मंजिला इमारत की चौथी मंजिल का एक हिस्सा ढह गया है। पुलिस ने अब तक 9 लोगों को बचाकर अस्पताल पहुंचाया है।

10 साल पहले बनी थी इमारत
यह इमारत दस साल पहले बनी थी और नगर निगम ने इसे बेहद खतरनाक इमारत घोषित किया था। रमाबाई अपार्टमेंट को अब ध्वस्त कर दिया गया है। विधायक स्नेहा पंडित दुबे ने जानकारी दी है कि विरार के नारंगी में 10-15 साल पुरानी बिल्डिंग गिरने से यह हादसा हुआ है। अब तक 9 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। करीब 20 और लोगों के फंसे होने की आशंका है। पूरी एनडीआरएफ की टीम, माहनगर पालिका और पुलिस की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं।

संकरी गली होने की वजह रेस्क्यू मुश्किल
विधायक द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, जिस जगह हादसा हुआ वहां अभी ऐसी स्थिति है कि मौके पर रेस्क्यू के लिए न गाड़ी जा पा रही है न ही कोई एंबुलेंस। रेस्क्यू टीम को बिना किसी सहायता है हाथों से ही बचाव अभियान को अंजाम देना पड़ रहा है। लिहाजा इसमें समय लग रहा है। टीमें अपना 100 परसेंट दे रही हैं।

फिलहाल, 20-25 और जवानों के साथ एनडीआरएफ की एक और टीम बुलाई गई है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन की जरूरत होगी, लेकिन वहां तक जेसीबी पहुंचना भी मुश्किल है। जिस वजह से एनडीआरएफ को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

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