Mahakal Savari: सावन का पवित्र महीना आते ही शिव भक्तों में असीम उत्साह भर गया है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सावन के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा कि पूरा शहर ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठा।
देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के जयकारों से पूरे मंदिर परिसर को गूंजा दिया। रात 11 बजे से ही भक्त महाकाल के दर्शन के लिए कतारों में लग गए थे, मानो सभी को बाबा के पहले दर्शन की ही प्रतीक्षा थी। यह नजारा सिर्फ भीड़ नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की अटूट आस्था का प्रतीक था।
ब्रह्म मुहूर्त में खुले कपाट
सोमवार की सुबह, भक्ति का एक नया अध्याय लिखा गया। रात करीब 2:30 बजे, मंत्रोच्चार और वैदिक उद्घोष के बीच महाकाल मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। इसके बाद, मंदिर के सभा मंडप में भगवान शिव के गण वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन किया गया और उनसे अनुमति लेकर चांदी का मुख्य पट खोला गया।
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी निकल रही है। महाकाल अपने मनमहेश स्वरूप में हैं। चांदी की नई पालकी में बाबा की सवारी है। 10 साल बाद सवारी में नई पालकी को शामिल किया गया है।
महाकाल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन मनमहेश स्वरूप में होने के बाद सवारी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची। यहां पर पुलिस द्वारा श्री महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
मोहन यादव ने महाकाल के श्री चरणों में किया नमन
सीएम मोहन यादव विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सावन के पहले सोमवार के पावन अवसर पर आज उज्जैन में अपने भक्तों का कुशलक्षेम जानने हेतु बाबा महाकाल भ्रमण पर धूमधाम से निकलने वाले हैं। उनके श्री चरणों में नमन एवं वंदन।
चांदी की नई पालकी में सवार हुए महादेव
महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार, करीब 10 साल बाद सवारी में नई पालकी को शामिल किया गया है। नवंबर में छत्तीसगढ़ के एक भक्त ने गुप्तदान के रूप में मंदिर समिति को यह पालकी भेंट की थी।
कई नृत्यदलों की प्रस्तुति
बाबा महाकाल की सवारी में सीधी के घसिया बाजा, हरदा के ढांडल नृत्य दल, सिवनी के गुन्नूरसाई नृत्यदल आगे-आगे चल रहे है। विभिन्न जनजातियों के समुहों द्वारा भगवान श्री महाकाल की सवारी में मनमोहक प्रस्तुतियां दी जा रही है।