राम मंदिर के शिखर पर ध्वजा लहराने के बाद बाबरी मस्जिद शिलान्यास के लगे पोस्टर, TMC विधायक बोले- 6 दिसंबर को नींव रखेंगे, कांग्रेस ने किया समर्थन
By Ashish Meena
November 26, 2025
Ayodhya : अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत द्वारा ऐतिहासिक ध्वजारोहण किया गया। ध्वजारोहण समारोह, जिसने मंदिर की पूर्णता का प्रतीक है, के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में मंगलवार रात विवादित बाबरी मस्जिद के शिलान्यास को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं।
TMC विधायक का विवादित ऐलान
पोस्टर में स्पष्ट लिखा है कि 6 दिसंबर को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास समारोह होगा और इसका आयोजन तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक हुमायूं कबीर द्वारा किया जा रहा है।
अयोध्या में विवादित ढांचा 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने ध्वस्त कर दिया था। अगले महीने बाबरी विध्वंस के 33 साल पूरे हो जाएंगे। TMC विधायक का कहना है कि इसी मौके पर यह आयोजन किया जाएगा।
भाजपा का तीखा हमला
भाजपा ने TMC विधायक के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि TMC पश्चिम बंगाल में मस्जिद नहीं, बल्कि ‘बांग्लादेश की आधारशिला’ रख रही है। उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी सरकार बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के समर्थन पर टिकी है और हिंदुओं की लाशों पर की जा रही यह राजनीति लंबे समय तक नहीं चलेगी।
कांग्रेस नेताओं की विरोधाभासी राय
समर्थन: कांग्रेस नेता उदित राज ने TMC विधायक का समर्थन करते हुए इसे ‘धार्मिक स्वतंत्रता’ का मामला बताया। उन्होंने तर्क दिया, “अगर मंदिर का शिलान्यास हो सकता है तो मस्जिद का क्यों नहीं? विरोध करने वाले बेवजह विवाद खड़ा कर रहे हैं।”
विरोध: महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने इस कदम पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “मस्जिद बनाना ठीक है, लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए बाबरी मस्जिद जैसे सुलझ चुके विवाद को फिर से खोलना गलत है। हमारा रिश्ता बाबर से नहीं, बल्कि शिवाजी महाराज से है।”
बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि TMC सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश कर रही है, क्योंकि चुनाव नजदीक हैं और मुसलमान पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने इसे वोट बैंक की राजनीति बताया।
बाबरी विध्वंस से राम मंदिर तक
सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ और 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई। मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई थी, लेकिन अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) से लेआउट प्लान को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है, जिसके कारण वहां मस्जिद का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।
इस बीच, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद शिलान्यास का यह ऐलान, राम मंदिर की पूर्णता के मौके पर देश की राजनीति और धार्मिक माहौल में एक नई उथल-पुथल पैदा कर रहा है।
