US Visa Integrity Fee : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 50 प्रतिशत टैरिफ, एक लाख डॉलर H-1B वीजा फीस के बाद भारत को वीजा इंटीग्रिटी फीस का झटका दिया है. जी हां, अमेरिका एक अक्टूबर 2025 से स्टूडेंट और टूरिस्ट वीजा पर 250 डॉलर अतिरिक्त फीस लगाने जा रहा है, जिसका असर नॉन-वीजा छूट देने वाले देशों भारत, चीन, ब्राजील, मैक्सिको, अर्जेंटीना आदि के स्टूडेंट्स और टूरिस्ट पर पड़ेगा.
बता दें कि अमेरिका ने 4 जुलाई 2025 को वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट लागू किया था और इस एक्ट में ही नई वीजा इंटीग्रिटी फीस 250 डॉलर का प्रावधान किया गया है. यह फीस नॉन-इमिग्रेंट वीजा जैसे टूरिस्ट B-1/B-2, स्टूडेंट F-1, वर्क H-1B/L-1, बिजनेस वीजा आदि पर लगेगी. वहीं यह फीस मौजूदा वीजा फीस (जैसे $185 MRV) के अलावा देनी होगी, जो एक अक्टूबर 2025 से नए वीजा आवेदकों को होगी.
250 डॉलर अतरिक्ति फीस का मकसद वीजा ओवरस्टे और धोखाधड़ी को रोकने के साथ-साथ बॉर्डर सिक्योरिटी फंडिंग करना और राजस्व कमाना है, लेकिन यह फीस वीजा वेवर प्रोग्राम (VWP) देशों ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपीय देशों पर लागू नहीं होगी. कनाडा पर भी यह फीस लागू नहीं होगी. वहीं US ट्रैवल एसोसिएशन के अनुसार, इस अतिरिक्त फीस के कारण कुल वीजा फीस 442 डॉलर हो जाएगी, जो दुनिया में सबसे ज्यादा फीस होगी.
ट्रंप सरकार की ओर से प्रावधान किया गया है कि अगर स्टूडेंट, टूरिस्ट, बिजनेस और वर्क वीजा धारक अमेरिकी के वीजा नियमों का पूरी तरह से पालन करते हैं और ओवरस्टे नहीं करते हैं तो वीजा की अवधि खत्म होने के बाद रिफंड संभव हो सकता है, लेकिन रिफंड की प्रक्रिया जटिल हो सकती है, इसलिए वीजा फीस को नॉन-रिफंडेबल मानकर चलें. अमेरिका में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या कंट्रोल करने के लिए यह फैसला किया गया है.