MP News : बारिश जो कभी किसान की खुशियों की वजह बनती है, इन दिनों उनकी मौत का कारण बन गई है. बीते दिन हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की तैयार फसल को पूरी तरह चौपट कर दिया. मुरैना के बानमौर तहसील के टीकरी गांव में 38 साल के किसान मुकेश गुर्जर ने फसल बर्बाद होने पर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात आत्महत्या कर ली. बताया गया कि वह बढ़ते कर्ज के बोझ से परेशान था. इससे निकलने का फसल उसकी आखिरी उम्मीद थी, जो बर्बाद हो चुकी थी.
10 बीघा भाड़े की जमीन पर बोया था धान
ग्रामीणों ने बताया कि मुकेश गुर्जर अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिन-रात मेहनत करता था. उसके पास खुद की केवल 2 बीघा जमीन थी और 10 बीघा जमीन उसने भाड़े पर ली थी. उसने खरीफ सीजन में धान और बाजरे की फसल बोई थी. लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से जारी भारी बारिश ने उसकी सारी मेहनत मिट्टी में मिला दी.
बाजरा, भैंस, और अब धान सब बर्बाद
पहले बाजरे की फसल बर्बाद हुई, फिर उसकी एक भैंस की मौत हो गई. जिसकी कीमत करीब 2 लाख रुपये थी. इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी. उसे उम्मीद थी कि धान की फसल से नुकसान की भरपाई हो जाएगी, लेकिन आखिरी उम्मीद भी बर्बाद हो गया. बीते दिनों की लगातार बारिश ने उसकी आधी कटी और बाकी खड़ी धान की फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया.
खेत की मेड़ के पास मिला शव
मृतक किसान के परिजन अमृत सिंह पप्पू पटेल ने बताया कि “मुकेश इन दिनों बहुत चिंतित रहता था. जब भी कोई उससे बात करता था तो वह कहता कि था कि बस फसल कट जाए, सब ठीक हो जाएगा. लेकिन जब उसकी आखिरी उम्मीद भी टूट गई तो उसने यह कदम उठा लिया.
शनिवार शाम को वह खेत पर जाने की बात कहकर घर से निकला था, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटा. जब घरवालों ने तलाश शुरू की तो रविवार सुबह खेत के मेड़ के पास उसका शव मिला. उसके हाथों में मिट्टी लगी थी. मानो वह आखिरी बार अपनी फसल को छूना चाहता था.
बेटी की शादी की भी थी चिंता
मुकेश के परिवार में उसकी पत्नी, 2 बेटे और 1 बेटी है. किसान को बेटी की शादी की चिंता थी. यह चिंता उसे भीतर से तोड़ रही थी. अब उसके जाने के बाद परिवार पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. उसकी पत्नी लक्ष्मी का रो-रोकर बुरा हाल है. घटना की जानकारी मिलते ही रिठौरा थाना पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची.
तहसीलदार वंदना यादव ने बताया कि “पूरे मामले की जांच की जा रही है. कितनी जमीन थी, कितना नुकसान हुआ और किन कारणों से उसने आत्महत्या की है, इसकी जानकारी ली जा रही है.”
सोमवार को मौके पर पहुंचे राजस्व विभाग के पटवारी सौरभ शर्मा ने बताया कि “बारिश के बाद सर्वे का काम चल रहा है.” लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में अब तक कोई सर्वे नहीं हुआ. ग्रामीणों का आरोप है कि नुकसान की भरपाई का वादा तो किया गया, लेकिन जमीन पर कोई अधिकारी नहीं आया.