दीवाली से पहले लाड़ली बहनों को लग सकता है बड़ा झटका, इन महिलाओं का कटेगा नाम

By Ashish Meena
September 14, 2025

Ladli Bahna Yojana : मध्य प्रदेश सरकार ने लाडली बहना योजना को और सशक्त बनाने का फैसला किया है. दिवाली के बाद महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे. हालांकि, इसके पहले लाभार्थियों की सूची का ऑडिट कराया जाएगा. जांच में उन महिलाओं के नाम हटाए जाएंगे जो योजना की पात्रता पूरी नहीं करतीं हैं. सबसे पहले सरकार अयोग्य लाभार्थियों से खुद अपना नाम हटाने की अपील करेगी. इसके बाद संबंधित विभाग की टीम दस्तावेजों की जांच कर अपात्र महिलाओं के नाम सूची से हटाएगी. सरकार का कहना है कि उद्देश्य यही है कि योजना का फायदा सिर्फ सही पात्र महिलाओं तक पहुंचे.

दिवाली से मिलेंगे 1500 रुपए
सीएम मोहन यादव ने जून में घोषणा की थी कि दिवाली के बाद से लाड़ली बहनों को 1500 रुपए हर महीने मिलेंगे. भाई दूज के बाद महिलाओं को यह बढ़ी हुई राशि दी जाएगी. शुरुआत में महिलाओं को एक हजार रुपए हर महीने दिए जाते थे. इसके बाद राशि को बढ़ाकर 1250 रुपए किया गया. अब इसे 1500 रुपए किया जाएगा. वहीं सीएम ने कई मौकों पर कहा है कि राशि 3 हजार तक पहुंचाई जाएगी.

1.26 महिलाएं हो रहीं लाभान्वित
इस योजना में लगभग प्रदेशभर की 1.26 करोड़ महिलाएं शामिल हैं. इस योजना पर सरकार हर महीने करीब 1550 रुपए खर्च कर रही है. यह प्रदेश की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना मानी जाती है. सबसे पहले एमपी में इस योजना का शुरू किया था. इसके बाद दूसरे राज्यों में भी इसी की तर्ज पर योजनाएं शुरू की गई थीं.

डेढ़ लाख से ज्यादा नाम हटे
हाल ही में जांच में 1.63 लाख लाभार्थियों के नाम सूची से हटाए गए हैं. जांच के दौरान पाया गया कि कई महिलाओं ने गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लिया था. महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि योजना के लिए नियम तय हैं और उनकी पूरी समीक्षा कर कार्रवाई की जाती है. हालांकि, जांच को लेकर आधिकारिक पुष्टी बाकी है.

अब जान लीजिए क्या हैं शर्तें
लाभार्थी महिला और उसके परिवार की कुल वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए.
परिवार का कोई सदस्य आयकरदाता नहीं होना चाहिए.
महिला या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में नियमित या संविदा पद पर कार्यरत न हो, न ही पेंशन ले रहा हो.
परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर) नहीं होना चाहिए.
परिवार की कुल कृषि भूमि 5 एकड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए.
यदि महिला या उसका परिवार किसी अन्य योजना से प्रति माह 1000 रुपये से अधिक सहायता प्राप्त कर रहा है, तो वह इस योजना की पात्र नहीं होगी.
परिवार का कोई भी सदस्य सांसद, विधायक, निर्वाचित जनप्रतिनिधि या मनोनीत पदाधिकारी नहीं होना चाहिए.
महिला या उसके परिवार का कोई सदस्य किसी सरकारी बोर्ड, निगम, मंडल या उपक्रम में अध्यक्ष/सदस्य/संचालक के रूप में चयनित या मनोनीत नहीं होना चाहिए.

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आशीष मीणा को पत्रकारिता में 5 साल हो चुके है। इंदौर के श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (DAVV) से आशीष मीणा ने पत्रकारिता की डिग्री हासिल की है। इंदौर के अग्निबाण जैसे कई प्रतिष्ठित अखबारों में काम करने के बाद आशीष मीणा ने यहां तक का सफर तय किया है।