Soybean Crop : मध्यप्रदेश में सोयाबीन की फसल खरीदी के लिए भावांतर भुगतान योजना के लिए 3 अक्टूबर से रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे. रजिस्ट्रेशन 17 अक्टूबर तक चलेंगे. भोपाल में इस स्कीम के बारे में किसानों को जानकारी हो, इसलिए अफसर उनके बीच में जाएंगे. 24 अक्टूबर से फसल की खरीदी शुरू होगी जो 15 जनवरी तक चलेगी. किसान अपनी सोयाबीन मंडियों में जाकर बेच सकेंगे.
खाते में भेजी जाएगी राशि
मंडियों में सोयाबीन की फसल सामान्य प्रक्रिया के तहत ही बेची जा सकेगी, लेकिन सत्यापन मंडी के दस्तावेजों के आधार पर होगा. हर दिन मंडियों में विक्रित सोयाबीन के अनुसार, एफएक्यू मानक गुणवत्ता वाली सोयाबीन का मॉडल मूल्य घोषित किया जाएगा. इस साल सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार ने 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है. अगर किसानों को इससे कम मूल्य मंडियों में मिलता है तो अंतर वाली राशि सीधे किसान के खाते में भेजी जाएगी.
क्यों लागू की गई योजना
योजना के संबंध में भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं. इसके अनुसार, यह योजना किसानों को बाजार की अनिश्चितता से बचाने के लिए लागू की जा रही है. मंडी में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, इसे लेकर व्यवस्था बनाई जा रही है.
मंडियों में कम रेट बिक रहा सोयाबीन
भोपाल की करोंद मंडी में 17 सितंबर को नए सोयाबीन की आवक हुई. मुहुर्त में 20 क्विंटल सोयाबीन 4672 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया था. इसके बाद भी सोयाबीन की आवक जारी है. प्रदेश की लगभग सभी मंडियों में सोयाबीन 5 हजार से कम भाव ही बिक रहा है. वहीं किसान सोयाबीन का रेट 6 हजार रुपए करने की मांग कर रहे हैं.
योजना का होगा प्रचार-प्रसार
3 अक्टूबर को प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियों में होर्डिंग्स और बैनरों के जरिए जानकारी दी जाएगी.
किसानों और व्यापारियों को वॉट्सएप ग्रुप और SMS से पंजीयन और अंतिम तिथि की सूचना भेजी जाएगी.
3 से 5 अक्टूबर तक प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में जिला स्तर पर कलेक्टर, सांसद, विधायक और किसान प्रतिनिधियों की बैठकें होंगी.
योजना के प्रचार-प्रसार के लिए ट्रैक्टर और मोटर साइकिल रैली का भी आयोजन होगा.
15 अक्टूबर तक सभी मंडियों में भावांतर सहायता डेस्क स्थापित होंगी.
17 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन होंगे.