भाजपा ने MP उपचुनाव के लिए घोषित किए प्रत्याशी, बुधनी से इस नेता को मिला टिकट, विजयपुर में रामनिवास रावत उम्मीदवार
By Ashish Meena
अक्टूबर 19, 2024
MP Breaking News : बीजेपी ने 24 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से से कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी के सामने नव्या हरिदास को उतारा है. इसके अलावा बीजेपी ने असम की तीन, बिहार की दो, छत्तीसगढ़ की 1, कर्नाटक की दो, केरल की दो, मध्य प्रदेश की 2, राजस्थान की 6 और पश्चिम बंगाल की भी 6 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर नव्या हरिदास पिछले दो कार्यकाल से कोझिकोड निगम के करापराम्प वार्ड से पार्षद हैं. वह वर्तमान में काउंसिल पार्टी के नेता हैं. उन्होंने हालिया विधानसभा चुनाव में कोझिकोड दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. हालांकि हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी ने रमाकांत भार्गव को मध्य प्रदेश की बुधनी से टिकट दिया है. यह सीट शिवराज सिंह चौहान द्वारा खाली की गई थी. बताया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान अपने बेटे कार्तिकेय के लिए इस सीट पर टिकट चाहते थे.

बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी पिच पर डेब्यू करने जा रही हैं. वह केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी जो उनके भाई और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के छोड़ने के बाद खाली हुई है. प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन 23 अक्टूबर को दाखिल करेंगी. इस दौरान राहुल गांधी भी उनके साथ मौजूद रहेंगे. अपना नामांकन दाखिल करने से पहले प्रियंका गांधी रोड शो निकालेंगी.

बता दें कि झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही 14 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और दो राज्यों की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिन दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हुआ है, उनमें राहुल गांधी के इस्तीफे से रिक्त हुई केरल की वायनाड लोकसभा सीट भी है.
बुधनी विधानसभा उप चुनाव के लिए जरुरी तारीख और आंकड़े :
मतदान की तारीख – 13 नवंबर
मतगणना – 23 नवंबर
नामांकन भरने की अंतिम तारीख – 25 अक्टूबर
कुल मतदाता – 276397
महिला वोटर – 133280
पुरुष वोटर – 143111
1990 में शिवराज ने पहली बार जीता था बुधनी से चुनाव
1990 में, शिवराज सिंह चौहान (तब एक छात्र नेता) ने पहली बार विधानसभा सीट जीती थी। हालांकि, 1991 के लोकसभा चुनाव के बाद, भाजपा के पितामह अटल बिहारी वाजपेयी, जिन्होंने लखनऊ और विदिशा दोनों निर्वाचन क्षेत्रों को जीता था, ने बाद में विदिशा सीट खाली करने का फैसला किया। शिवराज सिंह चौहान को विदिशा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया और उन्होंने चुनाव जीता और उसके बाद 2005 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे, जब वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
