Breaking News: नोटबंदी के बाद सरकार ने लिया एक और बड़ा फैसला!
By Ashish Meena
दिसम्बर 7, 2024
Breaking News : सरकार ने बैंक में मौजूद फर्जी खातों पर नकेल कसने के लिए तैयारी कर ली है. फर्जी खातों का पता करने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके जरिए बैंकिंग धोखाधड़ी पर तो रोक लगेगी है. साथ ही बैंक में मौजूद फर्जी बैंक खातों के बारे में भी जानकारी मिलेगी.
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बढ़ती वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के ‘म्यूलहंटर डॉट एआई’ सहित कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का इस्तेमाल करने को कहा. इसके उपयोग से बैंक में मौजूद फर्जी खातों की मिनटों में जानकारी मिल जाएगी.
कैसे फर्जी बैंक खातों पर लगेगी रोक?
वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू की अध्यक्षता में हुई बैठक में बैंकों से सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने, अत्याधुनिक उपकरणों का लाभ उठाने और म्यूल (फर्जी) खातों से निपटने के लिए बैंकों के बीच सहयोग बढ़ाने को कहा.
वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने एक्स पर पोस्ट किया, ”नागरिकों की मेहनत की कमाई की सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय किए जाने चाहिए.” उन्होंने कहा कि यह हमारी साझा जिम्मेदारी है.
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कैसे यूज होते हैं ये फर्जी खाते?
इससे पहले दिन में आरबीआई ने बैंकों से कहा कि वे उसकी पहल ‘म्यूलहंटर डॉट एआई’ के साथ सहयोग करें, ताकि वित्तीय धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले म्यूल खातों (फर्जी खातों) को हटाया जा सके.
म्यूल खाता एक बैंक खाता है, जिसका इस्तेमाल अपराधी अवैध तरीके से पैसा लूटने के लिए करते हैं. गुमनाम व्यक्ति इन खातों को खोलकर इसमें लोगों से ठगी के पैसे जमा करवाते हैं. इन खातों से धन हस्तांतरण का पता लगाना और उसे वापस पाना मुश्किल होता है.
UPI के जरिए सेकेंडों में घुमाते हैं पैसा
फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल साइबर ठगी के पैसे और अवैध गतिविधि से की गई कमाई को यूज करने के लिए किया जाता है. इसके लिए शातिर अपराधी यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, इसके जरिए ये बिना बैंक जाए एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसा मिनटों में ट्रांसफर कर देते हैं.
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