Census 2027: दो चरणों में होगी भारत की पहली डिजिटल जनगणना, पहला चरण अप्रैल 2026 से शुरू होगा, केंद्र सरकार ने किया बड़ा ऐलान
By Ashish Meena
December 3, 2025
Census 2027 : केंद्र सरकार ने देश की अगली जनगणना ‘जनगणना 2027’ की घोषणा कर दी है। मंगलवार को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में यह अहम जानकारी दी। कोविड-19 महामारी के कारण 2021 की जनगणना जो टल गई थी, उसकी जगह अब एक नई और आधुनिक जनगणना 2026-27 में पूरी की जाएगी।
दो चरणों में होगी भारत की पहली डिजिटल जनगणना
यह जनगणना दो मुख्य चरणों में पूरी की जाएगी, जिससे डेटा संग्रह की सटीकता और गति सुनिश्चित हो सकेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि जनगणना 2027 की प्रक्रिया दो स्टेज में होगी, जिसकी शुरुआत 2026 में घरों की लिस्टिंग और घरों का डेटा इकट्ठा करने से होगी।
पहला चरण: अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच – इसमें पूरे देश में घर-घर जाकर मकानों की लिस्टिंग और हाउसिंग सर्वे किया जाएगा।
दूसरा चरण: फरवरी 2027 में- इसमें हर व्यक्ति की गिनती (जनसंख्या गणना) होगी।
पहला फेज अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच 30 दिन में पूरा होगा। इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश टाइमलाइन तय करेंगे। दूसरा फेज जिसमें आबादी की गिनती होगी, वह फरवरी 2027 में होगा।
जनगणना 2027 की टाइमलाइन पिछली जनगणनाओं में अपनाए गए तरीकों की तरह ही रखी गई है। मंत्रालय के मुताबिक 1 मार्च 2027 को रात 12 बजे पूरे देश में गिनती के लिए रेफरेंस डेट होगी।
हालांकि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले इलाकों के लिए, आबादी की गिनती सितंबर 2026 में की जाएगी। 1 अक्टूबर 2026 को रेफरेंस डेट माना जाएगा।
जनगणना का ज्यादातर काम पेपरलेस होगा
मोबाइल एप, पोर्टल और रियल टाइम डेटा ट्रांसफर से जनगणना बहुत हद तक पेपरलेस होगी। कागज पर लिखी जानकारी पढ़ने के लिए एआई आधारित इंटेलीजेंट कैरेक्टर रिकगनीशन टूल्स होंगे। जीपीएस टैगिंग और प्री-कोडेड ड्रॉपडाउन मैन्यू की व्यवस्था में गलती की गुंजाइश नहीं रहेगी। आम लोगों की मदद के लिए राष्ट्रव्यापी प्रचार होगा।
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गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, ‘जनसंख्या की गिनती 1 मार्च, 2027 के हिसाब से फरवरी 2027 में की जाएगी, सिवाय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बर्फ से ढके नॉन-सिंक्रोनस इलाकों और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के, जहां यह सितंबर 2026 में की जाएगी और तारीख 1 अक्टूबर, 2026 होगी.’ इस जनगणना की एक खास बात यह होगी कि इसमें 70 साल से ज़्यादा समय में पहली बार जाति की गिनती शामिल की जाएगी।
भारत की पहली डिजिटल जनगणना
उन्होंने आगे कहा, ‘जनगणना 2027 में, जाति की गिनती कैबिनेट कमिटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स के 30.04.2025 के फैसले के मुताबिक की जाएगी।
यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें मोबाइल ऐप से डेटा इकट्ठा किया जाएगा, हालांकि कनेक्टिविटी की दिक्कतों वाले लोगों के लिए पेपर शेड्यूल भी उपलब्ध होंगे।
डिजिटल प्लेटफॉर्म, सर्वे के तरीकों और लॉजिस्टिक्स को टेस्ट करने के लिए 10 नवंबर से 30 नवंबर, 2025 तक एक प्री-टेस्ट किया गया था। COVID-19 महामारी के कारण 2021 की जनगणना में देरी के बाद, नई घोषणा से एडमिनिस्ट्रेटिव क्लैरिटी मिलती है।
