MP की सहकारी सोसायटी में भ्रष्टाचारियों की अब खैर नहीं, CM मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश, हर साल देना होगा पूरा विवरण

By Ashish Meena
December 3, 2025

MP News : मध्य प्रदेश के सहकारिता विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और गबन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को सीधे हस्तक्षेप करते हुए कड़े तेवर दिखाए हैं। भोपाल में हुई विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि सहकारी समितियों में गबन करने वाले किसी भी पदाधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

सीएम डॉ. यादव ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए निर्देश दिया कि गबन या पैसों की शॉर्टेज पाए जाने पर, दोषी व्यक्तियों की अचल संपत्ति (मकान, प्लॉट, जमीन) तुरंत कुर्क कर वसूली की जाएगी। “सहकारी समितियों में किसानों का पैसा है, और इस पैसे की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। गबन करने वालों की संपत्ति कुर्क करके एक सख्त उदाहरण पेश किया जाएगा।”

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हर साल देना होगा पूरा विवरण
पारदर्शिता लाने के लिए, मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण निर्देश दिया है: सभी सहकारी सोसायटी के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी अचल संपत्ति का वार्षिक विवरण अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। यह कदम भविष्य में होने वाले गबन पर पहले से ही लगाम लगाने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने किसानों को गबन से बचाने के लिए चलाई जा रही “न्याय योजना” की भी प्रशंसा की।

6 कमजोर सहकारी बैंकों को मिलेगी ₹300 करोड़ की संजीवनी
बैठक में प्रदेश के छह (6) कमजोर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को सुदृढ़ करने का बड़ा फैसला लिया गया। इन बैंकों में जबलपुर, रीवा, सतना, ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी शामिल हैं। प्रदेश सरकार इन सभी बैंकों को 50-50 करोड़ रुपए की अंशपूंजी प्रदान करेगी, जिससे कुल ₹300 करोड़ की पूंजी इनके खातों में आएगी और इनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।

प्रदेश स्तर पर ‘महा-सहकारी बैंक’ बनाने की तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिला सहकारी बैंकों को मिलाकर एक प्रदेश स्तर का मजबूत सहकारी बैंक बनाने के लिए कानूनी और वित्तीय पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया जाए। इस लक्ष्य को आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना में शामिल करने के लिए कहा गया है।

‘एमपी चीता’ ब्रांड पर CM की चुटकी
जब बैठक में बीज उत्पादन के “एमपी चीता” ब्रांड का जिक्र आया, तो मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए चुटकी ली, “यह सहकारिता में जंगल का चीता कैसे घुस आया?” अधिकारियों ने बताया कि यह ब्रांड तेजी और गुणवत्ता का प्रतीक है, जिस पर सीएम प्रसन्न होकर आगे बढ़े। सहकारिता विभाग में मुख्यमंत्री के ये सख्त कदम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश की हजारों सहकारी समितियों में पारदर्शिता आए और किसानों का कठिन परिश्रम का पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहे।

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आशीष मीणा को पत्रकारिता में 5 साल हो चुके है। इंदौर के श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (DAVV) से आशीष मीणा ने पत्रकारिता की डिग्री हासिल की है। इंदौर के अग्निबाण जैसे कई प्रतिष्ठित अखबारों में काम करने के बाद आशीष मीणा ने यहां तक का सफर तय किया है।