राष्ट्रीय एकता, खातेगांव।
एक तरफ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पूरे प्रदेश में गौ-तस्करी रोकने के लिए कड़े और प्रभावी कदम उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देवास जिले की खातेगांव विधानसभा से भाजपा विधायक आशीष शर्मा इन दिनों ‘गौ-तस्करी’ के मुद्दे पर सवालों के घेरे में हैं।
‘राष्ट्रीय एकता न्यूज’ की पड़ताल में यह चौंकाने वाला सच सामने आया है कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बावजूद, खातेगांव विधानसभा में गौ-तस्करी का धंधा धड़ल्ले से जारी है।
खातेगांव में बेलगाम हुई गौ-तस्करी!
कन्नौद-खातेगांव विधानसभा में गौ-तस्करी के इक्का-दुक्का नहीं, बल्कि दर्जनों मामले लगातार सामने आ रहे हैं। गौ-तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें किसी का डर नहीं।
स्थानीय गौ-रक्षा संगठन जैसे बजरंग सेना लगातार इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन गौ-तस्करों पर लगाम कसना तो दूर, उनकी गतिविधियों में कोई कमी नहीं आ रही है।
हर ग्राम पंचायत में गौशाला का हो निर्माण
बजरंग सेना के देवास जिलाध्यक्ष अर्जुन मीणा ने ‘राष्ट्रीय एकता न्यूज’ से खास बातचीत में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि उनके संज्ञान में लगभग हर दिन गौ-तस्करी के नए मामले आते हैं, लेकिन प्रशासन की ढिलाई और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण इन पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है। अर्जुन मीणा ने सरकार से निवेदन किया है कि हर ग्राम पंचायत में गौशाला का निर्माण किया जाए।
अर्जुन मीणा ने सीधे तौर पर सवाल उठाया है कि चुनाव के समय घर-घर आकर वोट मांगने वाले विधायक आशीष शर्मा को यह बेलगाम गौ-तस्करी क्यों नहीं दिखाई दे रही है? क्या उन्हें गौ-वंश की रक्षा से ज्यादा कुछ और महत्वपूर्ण लगता है?”
जब ‘राष्ट्रीय एकता न्यूज’ ने कन्नौद-खातेगांव विधानसभा की आम जनता से विधायक आशीष शर्मा के कार्यकाल और उनके वादों के बारे में राय ली, तो जवाब बेहद चौंकाने वाले थे। जनता का स्पष्ट कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक आशीष शर्मा और उनके भाई रुपेश शर्मा ने क्षेत्र के विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं, जिनमें से अधिकांश आज भी अधूरी हैं। आशीष शर्मा द्वारा किए गए वादों में भव्य गोशाला का निर्मल भी शामिल था।
जनता की सबसे बड़ी निराशा इस बात को लेकर है कि भले ही विकास के कुछ वादे पूरे न हों, लेकिन गौ-तस्करी जैसे संवेदनशील और धार्मिक मुद्दे पर विधायक जी की निष्क्रियता उन्हें बर्दाश्त नहीं। जनता का साफ संदेश है कि “विकास के वादे शायद पूरे न हों, पर विधायक जी गौ-तस्करी पर तो तुरंत रोक लगवाएं!”
यह देखना दिलचस्प होगा कि विधायक आशीष शर्मा इस गंभीर मुद्दे पर कब अपनी चुप्पी तोड़ते हैं और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गौ-संरक्षण अभियान को अपने क्षेत्र में सफल बनाने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं। जनता और गौ-रक्षा संगठन अब केवल वादों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से संतुष्ट होंगे।