Indore–Budhni railway line : देवास जिले की कन्नौद तहसील में उपजाऊ कृषि भूमि के अधिग्रहण को लेकर किसानों का गुस्सा भड़क उठा है। इंदौर-बुधनी नई बीजी रेल लाइन परियोजना के तहत ज़मीन छीने जाने के विरोध में कलवार में किसान शुक्रवार से अनशन पर बैठ गए हैं, जो शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। किसानों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर अपनी खेती की ज़मीन नहीं देंगे, जिस पर उनका जीवन निर्भर है।
सरकार के आश्वासन के बावजूद नहीं निकला हल
यह विरोध कोई नया नहीं है। पिछले दो वर्षों से प्रभावित किसान लगातार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। छह महीने पहले तो उन्होंने बिजवाड़ चौपाटी पर लंबी क्रमिक भूख हड़ताल भी की थी।
किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनके भोपाल निवास पर ज्ञापन भी सौंपा था। इसके बाद, विधायक आशीष शर्मा, खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मध्यस्थता से किसानों की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मुलाकात हुई थी। किसानों को आश्वासन दिया गया था कि नया सर्वे कराया जाएगा और कैबिनेट में चर्चा कर कोई समाधान निकाला जाएगा।
लेकिन इतने बड़े आश्वासनों के बावजूद, कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया और उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है।
रेल मंत्रालय की रोक के बावजूद दबाव
किसान प्रतिनिधियों ने एक गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एक तरफ केंद्रीय रेल मंत्रालय ने इस परियोजना पर अस्थायी रूप से रोक लगा रखी है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी लगातार जमीन खाली करने का दबाव बना रहे हैं। यह विरोधाभास किसानों की परेशानी को और बढ़ा रहा है।
शनिवार को कलवार घाट से लेकर कालापाठा घाट तक के सभी प्रभावित किसान इस विरोध प्रदर्शन और अनशन में शामिल हुए। किसान नेताओं ने कलेक्टर से मुलाकात भी की, लेकिन उनका कहना है कि फिलहाल कोई समाधान नहीं निकल सका है।
किसानों की मुख्य मांगें
उपजाऊ कृषि भूमि का अधिग्रहण तुरंत रोका जाए।
रेल लाइन का रूट बदला जाए ताकि खेती को नुकसान न हो।
दिए गए आश्वासनों पर त्वरित और ठोस निर्णय लिया जाए।