Wine Made From Tomatoes : टमाटर की कीमतों में अक्सर तेज उतार-चढ़ाव होता है। कई बार टमाटर की कीमतें आसमान छूने लगती हैं, तो कई बार एकदम से धड़ाम हो जाती हैं। इससे जनता और किसानों दोनों को परेशानी होती है। यही वजह है कि सरकार अब टमाटर की सप्लाई में स्थिरता लाने का प्रयास कर रही है, जिससे किसान और जनता दोनों को फायदा होगा।
क्या करने वाली है सरकार
सरकार ने सप्लाई चेन और प्रोसेसिंग में सुधार के लिए हैकाथॉन के तहत टमाटर से वाइन बनाने सहित 28 नए आइडिया का चयन किया है। अब सरकार इन इन स्टार्टअप को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद करेगी यानी उन्हें फंडिंग देगी। हैकाथॉन ऑनलाइन, ऑफलाइन या हाइब्रिड इवेंट होता है, जो नए सॉल्यूशन खोजने के लिए कई विषयों के प्रतिभागियों को एक साथ लाता है।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे का कहना है कि टमाटर मूल्य श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर नए विचारों को आमंत्रित करने के लिए पिछले साल जून में टमाटर ग्रैंड चैलेंज (टीजीसी) हैकाथॉन शुरू किया गया था। इसका मकसद था कि उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर टमाटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और टमाटर किसानों को उपज का वाजिब मूल्य मिल सके।
टमाटर के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों
टमाटर की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव होता है। इसकी कई वजह होती है। कई बार अत्यधिक बारिश या गर्मी से फसल को नुकसान होता है या ट्रांपोर्टेशन बाधित हो जाता है। कभी-कभार कीटों के हमले से फसल बर्बाद हो जाती है, जिससे भाव तेजी से बढ़ते हैं। निधि खरे कहना है कि साल में कम से कम 2-3 बार अचानक कीमतों में 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होती है। कभी-कभी दरें बहुत कम हो जाती हैं, जिससे किसानों की आय प्रभावित होती है।
खरे ने जोर देकर कहा कि सप्लाई चेन को मजबूत करने, कटाई से पहले और बाद में होने वाले नुकसान को कम करने और प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के लाभ के लिए कीमतों में स्थिरता लाई जा सके। उन्होंने कहा कि इन 28 आइडिया में से 14 पेटेंट रजिस्टर किए गए हैं। स्टार्टअप को ट्रेनिंग दी जाएगी कि वे निवेशकों और बड़ी कंपनियों के सामने अपने नए विचारों को कैसे पेश करें।
भारत में कितना है टमाटर उत्पादन
उपभोक्ता मामलों की सचिव ने आगे की राह के बारे में पूछे जाने पर कहा कि विभाग अब स्टार्टअप्स को मदद देगा और वह निवेशकों के साथ-साथ अन्य कॉरपोरेट्स से उन्हें मिलाएगा, ताकि वे अपने कारोबार को बढ़ा सकें। खरे ने कहा कि टमाटर में मूल्य अस्थिरता की समस्या को हल करने के लिए हमें दूध की आपूर्ति बढ़ाने वाले फैक्टर से मिली, जो एक खराब होने वाली वस्तु है। खरे ने टमाटर से शराब बनाने सहित कुछ नवीन विचारों के बारे में बात की।
भारत में सालाना 20 मिलियन टन टमाटर का उत्पादन होता है। भारत के लगभग सभी राज्यों में टमाटर का उत्पादन होता है, हालांकि अलग-अलग मात्रा में। भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में अधिकतम उत्पादन होता है, जो पूरे भारत के उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत योगदान देता है।