ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार का बड़ा प्लान, रक्षा बजट में हो सकती है 50 हजार करोड़ की बढ़ोतरी, आधुनिक तकनीक और हथियारों पर फोकस

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपए बढ़ा सकती है। रक्षा मंत्रालय ने सरकार को फंड बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे संसद के नवंबर-दिसंबर के दौरान शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि इस फंड से नए हथियार, गोला-बारूद और तकनीक खरीदी जाएंगी। साथ ही सेना की दूसरी जरूरतें, रिसर्च और डेवलमेंट पर भी खर्च किया जाएगा।

बढ़ोतरी के बाद रक्षा मंत्रालय का ओवरऑल बजट 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश किए गए 2025-26 के बजट में सशस्त्र बलों के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया था।

इस साल रक्षा बजट पिछले साल की तुलना में करीब 9.5% ज्यादा है। केंद्र ने 2024-25 में सशस्त्र बलों के लिए 6.22 लाख करोड़ रुपए दिए थे। PM मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के पहले बजट 2014-15 में रक्षा मंत्रालय को 2.29 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे।

बॉर्डर पार किए बिना भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी कैंप्स नष्ट किए
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। इस बीच रक्षा बजट में बढ़ोतरी को लेकर रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव को अहम माना जा रहा है। पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में हमला किया था।

इस दौरान भारत ने अपने एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम की बदौलत बॉर्डर पार किए बिना पाकिस्तान के भीतर जाकर नौ आतंकवादी कैंपों को नष्ट कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी हमला किया, लेकिन भारत की मल्टी लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम ने लगभग हर पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन को बेअसर कर दिया।

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूस की एस-400, बराक-8 मीडियम रेंज SAM सिस्टम और स्वदेशी आकाशतीर सिस्टम को तैनात किया था। इसके अलावा पिकोरा, OSA-AK और LLAD गन (लो-लेवल एयर डिफेंस गन) के जरिए भी पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमले नाकाम किए।

भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान से 9 गुना ज्यादा
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में दुनिया के पांचवे सबसे बड़े देश भारत का सैन्य खर्च 1.6% बढ़कर 86.1 बिलियन डॉलर (₹7.19 लाख करोड़) हो गया है। वहीं, पहलगाम हमले के बाद से न्यूक्लियर मिसाइल दागने की धमकी दे रहे पाकिस्तान का सैन्य खर्च 10.2 बिलियन डॉलर यानी करीब ₹85,170 करोड़ रहा।

28 मई को जारी ‘ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडिचर 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अपनी सेना पर पाकिस्तान से 9 गुना ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है। सैन्य खर्च करने वाले दुनिया के टॉप 5 देश अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी और भारत हैं। इन पांचों का कुल सैन्य खर्च 1635 बिलियन डॉलर यानी ₹136.52 लाख करोड़ है।

भारत के सैन्य बजट का 75% सैलरी-पेंशन पर खर्च होता है
फिलहाल, भारत का डिफेंस बजट GDP का 1.9% है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन और पाकिस्तान दोनों को एक साथ काउंटर करने के लिए इसे GDP का कम से कम 2.5% होना चाहिए।

भारत अपनी 14 लाख की सेना की सैलरी और पेंशन पर अपने डिफेंस बजट का 75% हिस्सा खर्च करता है, जिससे उसके पास सैन्य आधुनिकीकरण के लिए सिर्फ 25% ही बचता है।

2024 में बढ़ा यूरोप के कई देशों को सैन्य खर्च
SIPRI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मध्य और पश्चिमी यूरोप के कई देशों ने 2024 में अपने सैन्य खर्च में काफी बढ़ोतरी की है। इसके पीछे की वजह नए खर्च और बड़े पैमाने पर हथियार खरीद योजनाओं को लागू करना रहा।

रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी का सैन्य खर्च 28% बढ़कर 88.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। जिससे यह मध्य और पश्चिमी यूरोप में सबसे बड़ा खर्च करने वाला और दुनिया में चौथा सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश बन गया। वहीं, पोलैंड का सैन्य खर्च 2024 में 31% बढ़कर 38.0 बिलियन डॉलर हो गया, जो पोलैंड की GDP का 4.2% है।

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Ashish Meena
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