Kisan Credit Card: किसानों के लिए वरदान है किसान क्रेडिट कार्ड! जानें इसके 10 सबसे बड़े फायदे

By Ashish Meena
December 7, 2025

Kisan Credit Card : देश का किसान अनाज उगाने के लिए अनगिनत चुनौतियों का सामना करता है—कभी मौसम की मार, तो कभी फसल के लिए साहूकारों (सूदखोरों) के कर्ज के जाल में फँसना। इन्हीं वित्तीय जंजालों से किसानों को दूर रखने के लिए, सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसी कल्याणकारी योजनाएँ चलाती है। इस कार्ड के माध्यम से किसान अपनी कृषि और निजी जरूरतों के लिए बहुत कम ब्याज दर पर सरकारी लोन प्राप्त कर सकते हैं।

KCC की लिमिट ₹5 लाख हुई
इस बार के केंद्रीय बजट में किसानों को एक बड़ी राहत दी गई थी। KCC लोन की लिमिट को पहले के ₹3 लाख से बढ़ाकर अब ₹5 लाख कर दिया गया है। इससे किसानों को खेती-बाड़ी के लिए बड़ी पूंजी जुटाने में आसानी होगी।

इतना ही नहीं, सरकार ने इस लोन पर लगने वाले ब्याज में सब्सिडी (Interest Subvention) को भी जारी रखने का फैसला किया था। इसका मतलब है कि किसानों को केवल 4% तक का प्रभावी ब्याज ही देना होगा, जबकि बाकी ब्याज का भुगतान सरकार करेगी।

Also Read – PM Kisan Maandhan Yojana: किसानों को हर महीने मिलेंगे 3 हजार रुपए, कमाल की है सरकार की PM किसान मानधन योजना, ऐसे करें आवेदन

क्या है किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) योजना?
KCC योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में किसानों को सस्ती ब्याज दर पर पैसा उपलब्ध कराने के लिए की गई थी।

KCC के मुख्य उपयोग:
बीज, खाद, यूरिया, कीटनाशक जैसी कृषि इनपुट खरीदना। फसल उगाने के लिए जरूरत के समय नकद राशि प्राप्त करना। फसल कटाई के बाद के खर्चों (Post-harvest expenses) और बाजार में फसल बेचने तक के खर्चों को पूरा करना।

यह कार्ड सामान्यतः अन्य व्यक्तिगत या व्यावसायिक लोन की तुलना में काफी कम ब्याज लेता है और इसके पैसे लौटाने की शर्तें फसल चक्र के अनुसार लचीली होती हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड से देश के किसानों के पास पहुंचे 10 लाख करोड़, इतनों को  हुआ फायदा | Kisan Credit Card Account Crossed 10 Lakh Crore How It Helped 7  72 Cr Farmers

KCC के 10 सबसे बड़े फायदे और विशेषताएं
KCC (Kisan Credit Card) सिर्फ लोन नहीं, बल्कि किसानों के लिए एक बहुउद्देशीय वित्तीय टूल है।

लोन लिमिट: अब ₹5 लाख तक का लोन (पहले ₹3 लाख)।
प्रभावी ब्याज दर: किसानों को केवल 4% प्रति वर्ष की दर से ब्याज देना होता है।
सरकारी सब्सिडी: सरकार से ब्याज में 1.5% की छूट (Interest Subvention)।
शीघ्र भुगतान पर छूट: समय पर या जल्दी पैसा चुकाने पर ब्याज में अतिरिक्त छूट मिलती है।
बढ़ती लिमिट: हर साल 10% के हिसाब से लोन लिमिट बढ़ाई जाती है (5 साल तक)।
बुआई के लिए पैसा: फसल बुआई के लिए तुरंत पूंजी का इंतजाम।
परिवार की जरूरतें: खेती के अलावा परिवार की अन्य जरूरतों के लिए भी उपयोग।
स्टोरेज और बिक्री: फसल स्टोरेज और बाजार में बिक्री के लिए भी पैसा लिया जा सकता है।
बीमा कवर: ₹50,000 तक का दुर्घटना बीमा कवर (बैंक और नियम के अनुसार)।
लचीला पुनर्भुगतान: पैसा चुकाने की शर्तें फसल कटाई के समय के हिसाब से तय होती हैं।

Also Read – MP के पार्षद नईम खान की मौत, 67 साल की उम्र में 25 वर्षीय युवती से की थी शादी, बहू बोली- दूसरी शादी के बाद रोज…

कैसे तय होती है किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की लिमिट
पहले साल शॉर्ट टर्म लिमिट: जो किसान साल में एक फसल बोते हैं, यह उनके लिए है। इसके तहत जिला स्तर की तकनीकी कमेटी द्वारा निर्धारित फसल के लिए फाइनेंस को कुल क्षेत्रफल से गुणा किया जाता है। इसके बाद 10% खर्च फसल कटने के बाद, 20% खेती से जुड़े उपकरणों के रखरखाव के लिए और फसल बीमा वगैरह को जोड़कर क्रेडिट कार्ड की लिमिट तय होगी।

दूसरे साल के लिए लिमिट: पहले साल की लिमिट के बाद हर साल 10 फीसदी के हिसाब से लिमिट बढ़ती चली जाती है। यह पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें साल बढ़ती जाती है।

एक से ज्यादा फसल बुआई वाले किसान: इसके तहत लिमिट पहले साल के पैटर्न के हिसाब से तय होती है और बाद में हर साल 10 फीसदी के हिसाब से बढ़ती जाती है। माना जाता है कि अगले 4 साल तक किसान इसी पैटर्न को फॉलो करेगा।

भूमि विकास, सिंचाई या किसानी के उपकरण खरीदने या निवेश के लिए टर्म लोन: खेती व उससे जुड़ी गतिविधियों को देखते हुए बैंक इसका निर्धारण करता है। इसमें यह भी देखा जाता है कि किसान जिस उपकरण को खरीदना चाहता है, उसकी कीमत कितनी है।
लंबे समय के लिए लोन लिमिट: यह पांच साल के दौरान किए जाने वाले निवेश और किसान के लोन चुकाने की क्षमता को देखकर निर्धारित किया जाता है।

सबसे ज्यादा लिमिट: पांचवें साल में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट अपने शीर्ष पर रहती है।

Also Read – Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहनों के लिए बड़ी खुशखबरी, इस तारीख से खाते में आएंगे 1750 रुपए, जानें कब से मिलेंगे 3000 रुपए

मझोले किसानों के लिए सब-लिमिट तय करना
शॉर्ट टर्म लोन: सरकार की ओर से ब्याज पर मिलने वाली रियायत (Interest Subvention Scheme/ Prompt Repayment Incentive scheme) योजना के चलते इसकी ब्याज की दर तय होती है। इसलिए इसमें शॉर्ट टर्म लोन और टर्म लोन में नियम अलग-अलग होते हैं।

पैसा निकालने की लिमिट: शॉर्ट टर्म कैश क्रेडिट फसल के पैटर्न और खेती के लिए खर्च होने वाले पैसों पर निर्भर करता है। किसान अपनी सहूलियत के हिसाब से पैसा निकाल सकता है।

किसान क्रेडिट कार्ड के लिए पात्रता
कोई भी किसान जो अपनी जमीन पर खेती कर रहा हो
बटाई पर खेती करने वाले किसान
किसानों के सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) या ज्वाइंट लाइबिलिटी ग्रुप (JLG)
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?

STEP-1
जिस बैंक से KCC (Kisan Credit Card) बनवाना है, उस बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं
मान लीजिए आप SBI चुनते हैं तो पोर्टल से कृषि व ग्रामीण चुनें
कृषि बैंकिंग पर क्लिक करते हुए ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ का विकल्प दिखेगा
यहां आपको किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी
यहीं पर आपको Application Form डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा

Also Read – MP सरकार हवाई किराए में रोजाना 21 लाख खर्च रही, एक घंटे का रेट 5 लाख से ज्यादा, आंकड़ों ने चौंकाया

STEP-2
आवेदन फॉर्म को अच्छे से भरें और जरूरी दस्तावेज साथ में अटैच कर लें
बैंक में जाकर संबंधित अधिकारी से मिलें और फॉर्म जमा करा दें
आप चाहें तो सीधे बैंक से जाकर भी आवेदन फॉर्म ले सकते हैं
कई बैंक ऑनलाइन आवेदन का विकल्प देते हैं
आवेदन के बाद खुद ही बैंक अधिकारी संपर्क करते हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज
आवेदन फॉर्म
दो पासपोर्ट साइज फोटो
पहचान पत्र
आधार कार्ड
एड्रेस प्रूफ
रेवेन्यू प्रशासन द्वारा प्रमाणित जमीन के कागज
फसल का ब्यौरा
2 या 3 लाख से ज्यादा लोन की स्थिति में सिक्योरिटी डॉक्यूमेंट्स

किसान क्रेडिट कार्ड से पैसा कैसे मिलेगा
बैंक के आम क्रेडिट कार्ड की तरह ही किसान क्रेडिट कार्ड होता है
आपको PIN नंबर जनरेट करना होगा। किसी भी बैंक एटीएम या माइक्रो ATM से पैसा निकाल सकते हैं
किसान मंडी में अपनी फसल बेचने का पैसा भी सीधे अकाउंट में पा सकते हैं।
PoS Machine के जरिए भी पैसा निकाला जा सकता है
IMPS/IVR मोबाइल बैंकिंग की सुविधा।

आगे ये भी पढ़ें : »
Ashish Meena
Ashish Meena

ashish-meena

आशीष मीणा को पत्रकारिता में 5 साल हो चुके है। इंदौर के श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (DAVV) से आशीष मीणा ने पत्रकारिता की डिग्री हासिल की है। इंदौर के अग्निबाण जैसे कई प्रतिष्ठित अखबारों में काम करने के बाद आशीष मीणा ने यहां तक का सफर तय किया है।