MP News : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार आज एक बार फिर 4,000 करोड़ रुपए का कर्ज उठाने जा रही है। यह कर्ज तीन हिस्सों में लिया जाएगा, जिसमें 1,500-1,500 करोड़ रुपए के दो और 1,000 करोड़ रुपए का एक लोन शामिल है। इससे पहले सरकार ने 26 अगस्त को भी 4,800 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से उठाया था।
सरकार इस धनराशि का उपयोग लाड़ली बहना योजना की किस्त, सितंबर में मनाए जाने वाले सेवा पर्व और अलग-अलग बड़ी परियोजनाओं के भुगतान में करेगी।
तीन किश्तों में लिया जाएगा लोन
सरकार यह कर्ज रिजर्व बैंक के जरिए उठा रही है। तीनों ऋणों का विवरण इस प्रकार है:
पहला ऋण: ₹1,500 करोड़, 17 साल की अवधि (सितंबर 2042 तक), ब्याज का भुगतान हर 6 महीने में।
दूसरा ऋण: ₹1,500 करोड़, 19 साल की अवधि (सितंबर 2044 तक), ब्याज का भुगतान हर 6 महीने में।
तीसरा ऋण: ₹1,000 करोड़, जो नवंबर 2021 को लिए गए ऋण का री-इश्यू है, अवधि 20 साल (2041 तक)।
तीनों कर्जों की राशि सरकार को 10 सितंबर को मिलेगी।
कुल कर्ज पहुंचा ₹4.53 लाख करोड़ के पार
चालू वित्त वर्ष में मोहन सरकार अब तक मई, जून, जुलाई, अगस्त में कई बार कर्ज ले चुकी है। आज के ऋण के बाद चालू वित्त वर्ष में अब तक उठाया गया कुल कर्ज 31,900 करोड़ रुपए हो जाएगा। इसके साथ ही राज्य पर कुल बकाया कर्ज की राशि बढ़कर ₹4,53,640.27 करोड़ हो जाएगी। 31 मार्च 2025 तक की स्थिति में सरकार पर कुल कर्ज ₹4,21,740.27 करोड़ था।
सरकार ने दिया राजस्व सरप्लस का हवाला
सरकार का कहना है कि वह कर्ज लोन लिमिट के भीतर ही ले रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ₹12,487.78 करोड़ के राजस्व अधिशेष (सरप्लस) में थी। उस साल सरकार की कुल आमदनी ₹2,34,026.05 करोड़ और खर्च ₹2,21,538.27 करोड़ था।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए संशोधित अनुमान के अनुसार, प्रदेश की आमदनी ₹2,62,009.01 करोड़ और खर्च ₹2,60,983.10 करोड़ रहने की संभावना है। इस प्रकार ₹1,025.91 करोड़ का अनुमानित राजस्व अधिशेष है।
इस वित्त वर्ष में सरकार ने कब-कब लिया कर्ज?
7 मई: दो कर्ज, ₹2,500-₹2,500 करोड़, 12 और 14 साल की अवधि (2037 व 2039 तक)।
4 जून: दो कर्ज, ₹2,000 करोड़ (16 साल) व ₹2,500 करोड़ (18 साल)।
8 जुलाई: दो कर्ज, ₹2,500 करोड़ व ₹2,300 करोड़, 16 और 18 साल की अवधि।
30 जुलाई: दो कर्ज, कुल ₹4,300 करोड़, 17 और 23 साल की अवधि।
5 अगस्त: तीन कर्ज, कुल ₹4,000 करोड़- 18, 20, और 23 साल की अवधि।
26 अगस्त: दो कर्ज, ₹2,500 करोड़ व ₹2,300 करोड़, 20 और 18 साल की अवधि।
9 सितंबर (आज): तीन कर्ज, ₹1,500 करोड़ (17 साल), ₹1,500 करोड़ (19 साल), ₹1,000 करोड़ (20 साल, री-इश्यू)।