थाने में भीषण धमाका, 8 पुलिसकर्मियों समेत 9 लोगों की मौत

By Admin@News
November 15, 2025

श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन परिसर में शुक्रवार देर रात बड़ा धमाका हुआ है. सूत्रों के मुताबिक फरीदाबाद में जब्त की गई विस्फोटक सामग्री के नमूने लेते समय आकस्मिक विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 घायल हो गए हैं. मरने वालों में 8 पुलिसकर्मी हैं और 1 आम नागरिक.

इलाके से मिले सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, पुलिस स्टेशन में विस्फोट के बाद धुआं और आग की लपटें हवा में फैल गईं. वहीं विस्फोट में घायल हुए पुलिसकर्मियों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.

यह घटना नई दिल्ली के लाल किले के पास हुए एक कार विस्फोट के कुछ ही दिनों बाद हुई है, जिसे केंद्र ने आतंकवादी हमला बताया था, जिसमें 13 लोग मारे गए थे.

श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए एक विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि यह विस्फोट उस समय हुआ जब अधिकारी हाल ही में आतंकी मॉड्यूल मामले में जब्त किए गए विस्फोटकों के एक बड़े जखीरे से नमूने निकाल रहे थे.

अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट शुक्रवार देर रात हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए, जिनमें ज़्यादातर पुलिसकर्मी और फोरेंसिक अधिकारी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिस कर्मी हरियाणा के फरीदाबाद से लाई गई विस्फोटक सामग्री को संभाल रहे थे.

श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर ने घायलों का जाना हाल

बता दें कि सुरक्षा बल खोजी कुत्तों के साथ जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन परिसर के पास हुए विस्फोट की जांच के लिए पहुंच गए हैं. श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर अक्षय लाबरू जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन के पास हुए विस्फोट में घायल हुए पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की.

अधिकारियों ने बताया कि यह सामग्री, जो गिरफ्तार डॉक्टर मुज़म्मिल गनई के किराए के घर से बरामद 360 किलोग्राम विस्फोटक का हिस्सा है, का नमूना चल रही जांच के तहत लिया जा रहा था. उन्होंने बताया कि विस्फोट स्थल से छह शव बरामद किए गए हैं और मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है. शवों को श्रीनगर के पुलिस नियंत्रण कक्ष ले जाया गया है.

24 पुलिसकर्मी और तीन नागरिक घायल

अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 24 पुलिसकर्मियों और तीन नागरिकों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. भीषण विस्फोट ने रात के सन्नाटे को भंग कर दिया और पुलिस थाने की इमारत को नुकसान पहुंचा. घायल पुलिसकर्मियों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया. लगातार हुए छोटे-छोटे विस्फोटों के कारण बम निरोधक दस्ते द्वारा तत्काल बचाव अभियान चलाना मुश्किल हो गया.

इंटर-स्टेट टेरर मॉड्यूल केस की पहली FIR

बरामद किए गए कुछ विस्फोटकों को पुलिस की फोरेंसिक लैब में रखा गया है, जबकि 360 किलोग्राम विस्फोटक का बड़ा हिस्सा पुलिस थाने में रखा गया था, जहां आतंकी मॉड्यूल का एफआईआर दर्ज किया गया था. अक्टूबर के मध्य में नौगाम के बनपोरा में दीवारों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी भरे पोस्टर दिखाई देने के बाद पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ. इस घटना को एक गंभीर खतरा मानते हुए, श्रीनगर पुलिस ने 19 अक्टूबर को मामला दर्ज किया और एक समर्पित टीम का गठन किया.

सीसीटीवी फुटेज के सावधानीपूर्वक, फ्रेम-दर-फ्रेम विश्लेषण से जांचकर्ताओं को पहले तीन संदिग्धों की पहचान करने में मदद मिली – गिरफ्तार किए गए आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद. इन तीनों के खिलाफ पथराव के मामले दर्ज थे और इन्हें पोस्टर चिपकाते हुए देखा गया था.

मौलवी इरफान अहमद गिरफ्तार

इनसे पूछताछ के बाद शोपियां के एक पूर्व पैरामेडिक मौलवी इरफान अहमद को गिरफ्तार किया गया, जो अब इमाम (उपदेशक) बन गया है. उसने पोस्टर मुहैया कराए थे और माना जाता है कि उसने चिकित्सा समुदाय तक अपनी आसान पहुंच का इस्तेमाल करके डॉक्टरों को कट्टरपंथी बनाया.

आखिरकार, श्रीनगर पुलिस फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय पहुंची, जहां उन्होंने डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया. यहीं से अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित रसायनों का विशाल भंडार जब्त किया गया.

पूरा मॉड्यूल चला रही थी डॉक्टरों की तिकड़ी

जांचकर्ताओं का मानना है कि पूरा मॉड्यूल डॉक्टरों की एक मुख्य तिकड़ी द्वारा चलाया जा रहा था – मुजम्मिल गनई (गिरफ्तार), उमर नबी (10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोट करने वाली विस्फोटकों से लदी कार का चालक) और मुजफ्फर राठेर (फरार). आठवां गिरफ्तार व्यक्ति, डॉ. अदील राठेर फरार डॉ. मुजफ्फर राठेर का भाई है, जिसके पास से एक एके-56 राइफल जब्त की गई थी, उसकी भूमिका अभी भी जांच के दायरे में है.

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