Rudraksh Shukla : आस्था और विश्वास का प्रतीक माने जाने वाले महाकाल मंदिर में इस समय राजनीति की आंच लग गई है। इंदौर-3 से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला के जरिए भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में घुसने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। यह घटना न सिर्फ मंदिर के नियमों के उल्लंघन के रूप में सामने आई है, बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए एक नया राजनीतिक अवसर बन गई है।
दरअसल, विधायक गोलू शुक्ला की कांवड़ यात्रा रविवार रात उज्जैन पहुंची थी। सोमवार तड़के करीब ढाई बजे भस्म आरती के पट खुलने के बाद गोलू शुक्ला अपने समर्थकों के साथ महाकाल मंदिर पहुंचे। बेटा रुद्राक्ष भी साथ था। मंदिर प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि परमिशन सिर्फ गोलू शुक्ला को दी गई थी।
विधायक बोले- 5 लोगों की परमिशन थी
रुद्राक्ष के पिता और भाजपा विधायक गोलू शुक्ला ने कहा- हमारे पास परमिशन थी। बिना परमिशन हम कोई काम नहीं करते। मंदिर प्रशासक और कलेक्टर ने 5 लोगों का परमिट दिया था। दर्शन के दौरान कर्मचारी ने रोकने की कोशिश की, तो हल्की-फुल्की कहासुनी हुई।
लगभग 1 मिनट लाइव प्रसारण बंद रहा
महाकाल मंदिर में लाइव दर्शन का इंतजाम भी है। श्रद्धालु कभी भी भगवान महाकाल के दर्शन ऑनलाइन कर सकते हैं। सावन के दूसरे सोमवार को भस्म आरती से ठीक पहले ऑनलाइन दर्शन की यूट्यूब लिंक में करीब 1 मिनट ब्लैंक है।
जाँच के लिए समिति गठित
मंदिर के सहायक प्रशासक सत्यनारायण सोनी ने बताया कि मामले का संज्ञान लिया गया है। विधायक गोलू शुक्ला अपने समर्थकों के साथ जल चढ़ाने के लिए मंदिर पहुंचे थे। इस दौरान उनके बेटे रुद्राक्ष बिना अनुमति गर्भगृह में प्रवेश कर गए। खबरों के अनुसार, रुद्राक्ष ने कुछ कर्मचारियों के साथ अभद्रता भी की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए, मंदिर प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया है। यह दल सात दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
डेढ़ किमी लंबी लाइन, 200 फीट दूर से दर्शन
महाकाल मंदिर में सावन के महीने में जहां आम श्रद्धालु करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन में लगने के बाद सिर्फ 200 फीट दूर से दर्शन कर पा रहे हैं, वहीं वीवीआईपी नियमों को ताक पर रखकर गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं।
4 साल पहले भी नियम तोड़कर दर्शन किए थे
4 साल पहले भी ऐसा ही विवाद सामने आया था। गोलू शुक्ला के छोटे बेटे रुद्राक्ष ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन किए। रुद्राक्ष ने यहां फोटो खिंचवाया और उसे फेसबुक पर अपलोड भी किया था। रुद्राक्ष अपने दोस्तों के साथ दर्शन करने पहुंचा था।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर बैन है
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। यहां केवल पुजारी ही जा सकते हैं। वीआईपी भी नंदी के नजदीक से ही दर्शन कर सकते हैं। प्रतिबंध भगवान महाकाल की प्रतिमा की सुरक्षा को देखते हुए लगाया गया था।
अप्रैल में देवास की माता टेकरी पर हुआ था विवाद
यह पहला मौका नहीं है, जब रुद्राक्ष शुक्ला पर ऐसे आरोप लगे हैं। अप्रैल 2025 में उन्होंने देवास की माता टेकरी पर रात के समय जबरन मंदिर खुलवाने की कोशिश की थी। वहां पुजारी से विवाद और मारपीट भी हुई थी। बाद में बीजेपी संगठन के हस्तक्षेप के बाद रुद्राक्ष ने माफी मांगी और थाने में सरेंडर किया था।
उस समय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली से रिपोर्ट तलब की थी और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को इंदौर भेजा गया था। उन्होंने सख्त लहजे में कहा था कि इस तरह की घटनाएं पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। भविष्य में दोबारा ऐसी घटनाएं न हों, यह सुनिश्चित करें।