MP News : मध्यप्रदेश में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की घोषणा को लेकर विरोध और नाराजगी का दौर जारी है। अब कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नाराजगी जाहिर की है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस जिला अध्यक्षों के चयन में मध्यप्रदेश से सबसे ज्यादा शिकायतें आई हैं। जो गलतियां मध्यप्रदेश में हुईं, वैसी अन्य राज्यों में नहीं होनी चाहिए।
राहुल गांधी सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत झारखंड, ओडिशा, पंजाब और उत्तराखंड के जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के चयन के लिए बनाए गए पर्यवेक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बता दें कि मध्यप्रदेश में 16 अगस्त को कांग्रेस के 71 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा की गई थी। जिसे लेकर भोपाल से दिल्ली तक विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं। इन पर राहुल गांधी ने नाराजगी जताई है।
पटवारी बोले- सुधार के नजरिए से देखना चाहिए
राहुल की नाराजगी पर जीतू पटवारी ने कहा- राहुल जी ने बिलकुल ठीक कहा है। प्रदेश में थोड़ी शिकायतें आई हैं। कोई नया सिस्टम बनता है तो कुछ कमी होती हैं, उनको सुधार की तरह देखना चाहिए।
वे दूसरे राज्यों के ऑब्जर्वर को समझाते हुए कह रहे थे कि रिपोर्ट में कोई कमी है, उसके आधार पर अगर रिजल्ट निकलता है तो इसकी शिकायतें होती हैं। यानी आपने अच्छा काम किया, थोड़ा और बेहतर काम करना था। मैं समझता हूं कि राहुल जी की चिंता वाजिब है।
कांग्रेस पार्टी एक परिवार है। सबका, सबकी भावना का सम्मान करना हमारा दायित्व है। कहीं डिसीजन हुए और कोई शिकायत आई तो सुनना भी पार्टी का दायित्व है। हम सुधारवादी लोग हैं, बीजेपी जैसे डिक्टेटर नहीं हैं।
हर 6 महीने में रिव्यू होगा
पीसीसी चीफ ने कहा- कांग्रेस में 6 महीने का प्रोविजन पीरियड का एक सिस्टम है। उसके कई नाम हो सकते हैं। प्रदेश अध्यक्ष कैसा काम कर रहा है, उसकी एक-एक चीज नोटिस होती है। ऐसे ही जिला अध्यक्ष कैसा काम कर रहे हैं, पार्टी के क्या टारगेट हैं, उस पर हम काम कर पा रहे हैं या नहीं…इसको लेकर हर 6 महीने में रिव्यू होगा। उसी के आधार पर आगे बढ़ा जाएगा।
पार्टी ने जो बोला नहीं, वह मैं बोल देता हूं कि 6 महीने में हर पद पर बैठे हुए व्यक्ति के काम का आकलन होगा कि वह उसे बताया गया कितना काम कर रहा है। अगर नहीं कर रहा है तो स्वाभाविक है कि पार्टी में काम करने वालों की जरूरत है।
सबसे ज्यादा शिकायतें मध्यप्रदेश से पहुंची
संगठन सृजन अभियान के तहत सबसे पहले गुजरात में जिला अध्यक्षों का ऐलान हुआ। इसके बाद हरियाणा और फिर मध्य प्रदेश के जिला कांग्रेस अध्यक्षों के नामों की घोषणा हुई। लेकिन, जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें मप्र से ही पहुंची हैं।
दूसरे जिलों से लाकर अध्यक्ष बनाने पर नाराजगी
मध्यप्रदेश में दूसरे जिलों के नेताओं को दूसरे जिले में अध्यक्ष बनाए जाने की शिकायतें हुईं हैं। आगर के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को इंदौर ग्रामीण का अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में देपालपुर से लेकर दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय तक प्रदर्शन हो चुका है। खंडवा सिटी की अध्यक्ष बनीं प्रतिभा रघुवंशी को लेकर भी स्थानीय कार्यकर्ता नाराज हैं। प्रतिभा मूल रूप से गुना की रहने वाली हैं।
मप्र में इन जिलों में हो चुका है जिलाध्यक्षों का विरोध
भोपाल: भोपाल शहर के अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना को रिपीट किए जाने का पूर्व शहर अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना मोनू विरोध कर चुके हैं। मोनू का आरोप है कि जिला अध्यक्ष बनाने के एवज में डेढ़ करोड़ की डिफेंडर कार गिफ्ट की गई है। मोनू ने कार्यकर्ताओं के साथ राहुल गांधी को इस नियुक्ति के विरोध में खून से खत लिखा था।
इंदौर ग्रामीण: आगर के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को इंदौर ग्रामीण का अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में इंदौर, देपालपुर से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन हो चुका है। रविवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में जब जिला अध्यक्षों की कार्यशाला चल रही थी उस वक्त विपिन वानखेडे़ के विरोध में करीब 50 कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे।
डिंडोरी: ओंकार सिंह मरकाम को जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर विरोध हुआ था। स्थानीय कांग्रेस नेता अजय साहू ने पुतला दहन की घोषणा की थी। जबकि राजेश मरावी ने इसे आदिवासी वर्ग के भविष्य के मुख्यमंत्री की भूमिका को छोटा दिखाने की कोशिश बताया था।
सतना शहर और ग्रामीण: सतना शहर के अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाह को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। सिद्धार्थ वर्तमान में विधायक हैं। मेयर, लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में कार्यकर्ता एक व्यक्ति एक पद के नियम पर सवाल उठा रहे हैं।
बुरहानपुर: जिला प्रवक्ता एवं राजीव गांधी पंचायती सेल के अध्यक्ष हेमंत पाटिल ने विरोध स्वरूप पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
देवास (ग्रामीण): जीतू पटवारी के करीबी गौतम बंटू गुर्जर ने जिला अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद पदों से इस्तीफा दे दिया।