शिवराज सिंह चौहान ने 2 साल बाद किया बड़ा खुलासा, खुद बताया 2023 में मुख्यमंत्री न बन पाने पर क्या था रिएक्शन
By Ashish Meena
November 18, 2025
MP News: राजधानी भोपाल में अखिल भारतीय किरार सम्मेलन के मंच पर वह बात सामने आ गई, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले दो साल से दिल में दबाए हुए थे. 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बावजूद मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने पर शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार खुलकर स्वीकार किया कि यह उनके लिए ‘परीक्षा की घड़ी’ थी.
कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ”2023 में जब बम्पर मेजोरिटी मिली तो हर किसी को लग रहा था कि स्वाभाविक रूप से तय है सब चीजें. लेकिन मैं समाज को प्रणाम करते हुए कहना चाहता हूं कि वो मेरी परीक्षा की घड़ी थी.
तय हुआ कि मुख्यमंत्री मोहन जी होंगे, मेरे माथे पर बल नहीं पड़ा. अलग-अलग रिएक्शन हो सकते थे, गुस्सा आ सकता था कि मैंने इतनी मेहनत की, पर दिल ने कहा कि शिवराज ये तेरी परीक्षा की घड़ी है माथे पर शिकन मत आने देना, आज तू कसौटी पर कसा जा रहा है और मैंने मोहन जी का नाम प्रस्तावित किया.”
जो जिम्मेदारी मिली है, उसे बेहतर ढंग से निभाना है
शिवराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा, आज मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में काम करने का मौका मिला है। पत्रकारों ने पूछा तो मैंने कहा – पार्टी और क्या देती? चार बार मुख्यमंत्री, छह बार सांसद, छह बार विधायक बना चुकी है। अब संयम रखना है, धैर्य रखना है और जो जिम्मेदारी मिली है, उसे बेहतर ढंग से निभाना है। इस खुलासे के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है कि शिवराज सिंह चौहान ने न केवल परिपक्वता दिखाई, बल्कि पार्टी के फैसले को पूरी तरह स्वीकार करते हुए नए नेतृत्व को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
बता दें कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के लिए राजनितिक विश्लेषकों ने शिवराज की ‘लाड़ली बहना योजना’ को बड़ी वजह बताया था. लेकिन इसके बावजूद उनकी जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया और अगले ही साल लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शिवराज को केंद्र में मंत्री पद से नवाज़ा गया.