नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी। इसमें कौशल भारत कार्यक्रम के लिए 8,800 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ाया गया है। वहीं दक्षिण तटीय रेलवे जोन के विकास के लिए बड़ा फैसला लिया गया। वहीं सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट ने नए आयकर बिल को भी मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने 2022-23 से 2025-26 की अवधि के लिए 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2026 तक कौशल भारत कार्यक्रम (एसआईपी) को जारी रखने और पुनर्गठन को मंजूरी दी।
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इससे देशभर में भविष्य के लिए कुशल, मांग पर आधारित, तकनीकी रूप से सक्षम और औद्योगिक रूप से प्रशिक्षित युवाओं को तैयार किया जा सकेगा। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (पीएमकेवीवाई 4.0), प्रधान मंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (पीएम-एनएपीएस) और जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना को जोड़ दिया गया। अब यह तीनों योजनाएं कौशल भारत कार्यक्रम का हिस्सा होंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में की थी घोषणा
नए आयकर बिल की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में घोषणा की थी। उन्होंने इस बिल को संसद के मौजूदा सत्र में पेश करने की बात कही थी। सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अगले हफ्ते इसे संसद में पेश किया जाएगा। संसद की मंजूरी के बाद यह छह दशक पुराने आयकर कानून की जगह लेगा। नए विधेयक का उद्देश्य प्रत्यक्ष कर कानून को समझने को आसान बनाना और कोई नया कर बोझ नहीं डालना है। इसकी खास बात यह होगी कि प्रावधान और स्पष्टीकरण या लंबे वाक्य नहीं होंगे।
वित्त समिति के पास भेजा जाएगा
सूत्रों ने कहा कि अगले हफ्ते संसद में पेश किए जाने के बाद बिल को संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 के बजट में ही आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी। सीबीडीटी ने समीक्षा की देखरेख करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था, जिससे विवाद, मुकदमेबाजी कम होगी और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी।
आयकर अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां बनाई गई हैं। चार श्रेणियों में जनता के इनपुट और सुझाव आमंत्रित किए गए थे। ये श्रेणियां हैं भाषा का सरलीकरण, मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन में कमी और अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधान। आयकर विभाग को आयकर अधिनियम की समीक्षा पर हितधारकों से 6,500 सुझाव मिले हैं।
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 31 मार्च 2025 के बाद तीन साल तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी। इस फैसले से सरकार पर लगभग 50.91 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से सफाई कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में मदद मिलेगी, सफाई क्षेत्र में काम करने की स्थिति में सुधार होगा और खतरनाक सफाई करते समय शून्य मृत्यु दर का लक्ष्य हासिल होगा।
मंत्रिमंडल ने दक्षिण रेलवे के वाल्टेयर डिवीजन को संक्षिप्त रूप में बनाए रखने और इसका नाम बदलकर विशाखापत्तनम डिवीजन करने को मंजूरी दे दी। वाल्टेयर नाम एक औपनिवेशिक विरासत है जिसे बदलने की जरूरत है। वाल्टेयर डिवीजन का एक हिस्सा (जिसमें पलासा-विशाखापत्तनम-दुव्वाडा, कुनेरू – विजयनगरम, नौपाड़ा जंक्शन – परलाखेमुंडी, बोब्बिली जंक्शन – सलूर, सिम्हाचलम उत्तर-दुव्वाडा बाईपास, वडालापुडी-दुव्वाडा और विशाखापत्तनम स्टील प्लांट-जग्गयापलेम (लगभग 410 किमी) स्टेशनों के बीच के सेक्शन शामिल हैं) को नए दक्षिण तटीय रेलवे के तहत वाल्टेयर डिवीजन के रूप में बनाए रखा जाएगा। इसका नाम बदलकर विशाखापत्तनम डिवीजन रखा जाएगा।
वहीं वाल्टेयर डिवीजन का दूसरा भाग, जिसमें कोट्टावलासा – बचेली, कुनेरू – थेरुवली जंक्शन, सिंगापुर रोड – कोरापुट जंक्शन और परलाखेमुंडी – गुनपुर (लगभग 680 किमी) स्टेशनों के बीच के खंड शामिल हैं, को पूर्वी तट रेलवे के तहत रायगढ़ में मुख्यालय के साथ एक नए डिवीजन में परिवर्तित किया जाएगा। वाल्टेयर डिवीजन को उसके संक्षिप्त रूप में भी बनाए रखने से क्षेत्र के लोगों की मांग और आकांक्षाएं पूरी होंगी।