मनरेगा योजना का नाम बदलेगी केंद्र सरकार, कैबिनेट की बैठक में तीन बड़े फैसलों पर नज़र
By Ashish Meena
दिसम्बर 12, 2025
MANREGA : केंद्र सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। सरकारी सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन बड़े और नीतिगत फैसलों को मंजूरी मिल सकती है। इनमें सबसे चर्चित प्रस्ताव महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ करना शामिल है।
इस संभावित नाम परिवर्तन के अलावा, कैबिनेट परमाणु ऊर्जा विधेयक और उच्च शिक्षा विधेयक जैसे दो अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी मुहर लगा सकती है, जिनका देश की ऊर्जा सुरक्षा और शिक्षा प्रणाली पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।
मनरेगा क्या है? यह नाम क्यों बदल रहा है?
महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA) दुनिया के सबसे बड़े कार्य गारंटी कार्यक्रमों में से एक है। इसे मूल रूप से नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट 2005 के रूप में शुरू किया गया था। यह कानून ग्रामीण क्षेत्रों में ‘काम करने के अधिकार’ की कानूनी गारंटी देता है।
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योजना की मुख्य विशेषताएं जो इसे अद्वितीय बनाती हैं:
100 दिन की गारंटीशुदा नौकरी: यह योजना हर उस ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों के गारंटीशुदा रोजगार का वादा करती है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए तैयार हैं।
कानूनी अधिकार: काम मांगने के 15 दिनों के भीतर काम उपलब्ध कराना अनिवार्य है, अन्यथा बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है।
महिलाओं को सशक्तिकरण: लाभार्थियों में कम से कम एक-तिहाई महिलाएं होनी चाहिए।
विकेंद्रीकरण पर जोर: इस योजना के क्रियान्वयन में पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) और ग्राम सभाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो इसे नीचे से ऊपर की ओर चलने वाला कार्यक्रम बनाती है।
सूत्रों के अनुसार, नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ करने का उद्देश्य इस योजना को महात्मा गांधी के दर्शन और ग्रामीण भारत के उत्थान के उनके सपने के साथ और अधिक मजबूती से जोड़ना है।
आने वाले परिणाम और प्रभाव
यदि कैबिनेट इस नाम परिवर्तन को मंजूरी देती है, तो यह ग्रामीण विकास योजनाओं के नामकरण में एक बड़ा बदलाव होगा। इसके साथ ही, परमाणु ऊर्जा और उच्च शिक्षा से संबंधित विधेयकों की मंजूरी देश के तकनीकी और शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इस बड़े फैसले और अन्य दो महत्वपूर्ण विधेयकों के विवरण के लिए आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।
