यमन में मौत की सजा पाने वाली भारतीय मूल की नर्स निमिषा की सजा टली, 16 जुलाई को दी जानी थी सजा-ए-मौत, एक दिन पहले पलटा केस, भारत सरकार कर रही थी बचाने के प्रयास
By Ashish Meena
July 15, 2025
Nimisha Priya : यमन में मौत की सजा पाने वाली केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा फिलहाल टाल दी गई है। उसे 16 जुलाई को सजा-ए-मौत दी जानी थी। न्यूज एजेंसी ANI ने मंगलवार को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्टिविस्ट ग्रुप और प्रभावशाली धार्मिक नेताओं ने इस मामले में दखल दिया, जिसके बाद निमिषा प्रिया की मौत की सजा स्थगित कर दी गई है।
इससे पहले निमिषा को मौत की सजा से बचाने के लिए डिप्लोमैटिक लेवल पर भी कई कोशिशें की गई थीं। खबर यह भी है कि पीड़ित का परिवार अभी तक क्षमादान या ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए सहमत नहीं हुआ है।
निमिषा पर यमन के नागरिक की हत्या का केस
भारतीय नर्स निमिषा 2017 से जेल में बंद हैं, उन पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी को ड्रग का ओवरडोज देकर हत्या करने का आरोप है।
निमिषा और महदी यमन में एक प्राइवेट क्लिनिक में पार्टनर थे। आरोप है कि महदी ने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले रखा था और उसे प्रताड़ित करता था।
केरल के ग्रैंड मुफ्ती ने पीड़ित के परिवार से बात की
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट के मुताबिक यमन से चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज बातचीत कर रहे हैं। बातचीत में यमन के सुप्रीम कोर्ट के एक जज और मृतक के भाई भी शामिल हैं। शेख हबीब को बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कंथापुरम के ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार और यमन से चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज इस मसले पर बातचीत कर रहे हैं। इसमें यमन के सुप्रीम कोर्ट के एक जज और मृतक के भाई भी शामिल हैं।
यमन शेख हबीब को बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया। ऐसा भी पहली बार हुआ है जब पीड़ित परिवार का कोई करीबी सदस्य बातचीत को तैयार हुआ है।
यह बातचीत शरिया कानून के तहत हो रही है, जो पीड़ित परिवार को दोषी को बिना किसी शर्त के या फिर ब्लड मनी के बदले में माफ करने का कानूनी अधिकार देता है।
सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास
भारत सरकार मामले में शुरुआत से ही हरसंभव सहायता निमिषा के परिवार को प्रदान कर रही है। सरकार ने हाल के दिनों में निमिषा प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ बातचीत करके सहमति से समाधान निकालने के लिए और समय देने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। भारतीय अधिकारी यमन की सना जेल के अधिकारियों और यमन के स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। सरकार के प्रयासों से ही निमिषा की सजा का स्थगन संभव हो पाया है।
यमन में किस तरह सजा-ए-मौत दी जाती है?
दिल के पास गोली मारी जाती है
यमन में सिर्फ गोली मारकर ही मौत की सजा दी जाती है। हालांकि, यहां पत्थर मारना, फांसी देना और सिर कलम करने का भी प्रावधान है, लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। गोली मारने से पहले दोषी को किसी गलीचे या कंबल पर चेहरा नीचे करके लेटा दिया जाता है।
इसके बाद डॉक्टर दोषी की पीठ के ऊपर दिल की जगह पर एक निशान लगाता है और फिर जल्लाद ऑटोमैटिक राइफल से उसकी पीठ में गोलियां मारता है। कुछ मामलों में मृत्युदंड से पहले कोड़े मारने की सजा भी दी जाती है।
यमन में इस्लाम छोड़ने पर भी मौत की सजा
यमन के पीनल कोड के मुताबिक किसास, हुदूद और ताजीर के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है।
