MP Rain Update : मध्यप्रदेश में अगले 4 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत प्रदेश में हल्की बारिश का दौर जरूर रह सकता है। 15-16 सितंबर से नया सिस्टम बनने के बाद फिर से पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर शुरू हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में जितने भी सिस्टम एक्टिव है, वे प्रदेश से काफी दूर है। इस वजह से तेज बारिश होने के आसार नहीं है। 15-16 सितंबर से सिस्टम नजदीक आएंगे। इससे फिर से बारिश होने लगेगी।
प्रदेश में अब तक औसत 41.6 इंच बारिश हो चुकी है, जो कोटे से 10 प्रतिशत अधिक है। 30 से ज्यादा जिलों में सामान्य बारिश का कोटा फुल हो चुका है। मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर-उज्जैन संभाग में हाल बुरे हैं। 15 में से 5 जिले-खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, शाजापुर और बड़वानी में 27 इंच पानी भी नहीं गिरा है।
एमपी में कोटे से 4.4 इंच ज्यादा बारिश
बता दें, प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 41.6 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 34.2 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। 4.6 इंच पानी ज्यादा गिर गया है।
30 जिले-भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है। कई जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा डेढ़ सौ प्रतिशत के पार है। श्योपुर में कुल 213 प्रतिशत पानी गिर चुका है।
ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर
एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं।
30 में से भोपाल संभाग के चार, इंदौर संभाग के दो, जबलपुर के चार, ग्वालियर-चंबल के 8, सागर-उज्जैन संभाग के 4-4, रीवा संभाग के 3 और शहडोल संभाग का एक जिला शामिल हैं। नर्मदापुरम संभाग के किसी भी जिले में कोटा पूरा नहीं हुआ।
गुना में 65 इंच बारिश, मंडला-श्योपुर दूसरे नंबर पर
सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-5 जिलों की बात करें तो गुना नंबर-1 पर है। यहां 65 इंच बारिश हो चुकी है। मंडला में 57 इंच, श्योपुर में 56.3 इंच, शिवपुरी में 54.3 इंच और अशोकनगर में 54.1 इंच पानी गिरा है। वहीं, खरगोन में सबसे कम 25.7 इंच बारिश हो चुकी है। बुरहानपुर में 25.9 इंच, खंडवा में 26.8 इंच, शाजापुर में 26.8 इंच और बड़वानी में 26.9 इंच बारिश हुई है।
भोपाल में 4 साल से कोटे से ज्यादा बारिश
भोपाल में सितंबर महीने की औसत बारिश 7 इंच है, लेकिन पिछले 4 साल से कोटे से ज्यादा पानी बरस रहा है। ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1961 में पूरे सितंबर माह में 30 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक 9.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड 2 सितंबर 1947 को बना था। इस महीने औसत 8 से 10 दिन बारिश होती है। वहीं, दिन में तापमान 31.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।
इंदौर में सितंबर में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश
इंदौर में सितंबर महीने में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश हो चुकी है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है, जो साल 1954 में बना था। वहीं, 20 सितंबर 1987 को 24 घंटे में पौने 7 इंच पानी गिर चुका है। इस महीने इंदौर में औसत 8 दिन बारिश होती है, लेकिन इस बार 15 या इससे अधिक दिनों तक बारिश हो सकती है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून की वापसी होने लगेगी।
ग्वालियर में वर्ष 1990 में गिरा था 25 इंच पानी
ग्वालियर में सितंबर 1990 में 647 मिमी यानी, साढ़े 25 इंच बारिश हुई थी। यह सितंबर में मासिक बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 24 घंटे में 7 सितंबर 1988 को साढ़े 12 इंच बारिश हुई थी। सितंबर में ग्वालियर की औसत बारिश करीब 6 इंच है, लेकिन पिछले तीन साल से इससे अधिक बारिश हो रही है। ग्वालियर में इस बार अगस्त में ही बारिश का कोटा पूरा हो गया। ऐसे में सितंबर में जितनी भी बारिश होगी, वह बोनस की तरह ही रहेगी।
जबलपुर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड
सितंबर महीने में जबलपुर में भी मानसून जमकर बरसता है। 20 सितंबर 1926 को जबलपुर में 24 घंटे के अंदर साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। वहीं, पूरे महीने में 32 इंच बारिश साल 1926 को हो चुकी है। यहां महीने में औसत 10 दिन बारिश होती है। वहीं, सामान्य बारिश साढ़े 8 इंच है। पिछले 3 साल से सामान्य से ज्यादा पानी गिर रहा है।
उज्जैन में 1981 में पूरे मानसून का कोटा हो गया था फुल
उज्जैन की सामान्य बारिश 34.81 इंच है, लेकिन वर्ष 1961 में सितंबर की बारिश ने ही पूरे सीजन की बारिश का कोटा फुल कर दिया था। इस महीने 1089 मिमी यानी, करीब 43 इंच पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक साढ़े 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 सितंबर 1961 में ही बना था।सितंबर महीने में उज्जैन की सामान्य बारिश पौने 7 इंच है, लेकिन पिछले दो साल से 12 इंच से ज्यादा बारिश हो रही है। इस महीने औसत 7 दिन बारिश होती है।