सड़क हादसे में मर गई इंसानियत! रामलला के दर्शन के लिए निकले MP के 3 लोगों की हुई मौत, लाशों के पास से मोबाइल और पर्स चोरी
By Ashish Meena
दिसम्बर 13, 2025
MP News : मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के बेलहई गांव से रामलला के दर्शन की पवित्र यात्रा पर निकला एक संयुक्त परिवार गुरुवार तड़के भीषण हादसे का शिकार हो गया।
जानकारी के मुताबिक, अयोध्या से महज 10 किलोमीटर पहले, उनकी बोलेरो गाड़ी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई। यह टक्कर इतनी भयानक थी कि मौके पर ही दो महिलाओं और मासूम बच्ची सहित वाहन चालक की मौत हो गई, जबकि परिवार के आठ अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल है।
लाशों के पास से गायब हुए मोबाइल और पर्स
इस दुर्घटना से भी बड़ी त्रासदी तब सामने आई, जब घायलों और मृतकों के परिजन दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। परिजनों के अनुसार, मौके से तीन मोबाइल फोन और कई पर्स गायब मिले। सदमे में डूबे परिजनों ने रोते हुए बताया, “वहां लाशें पड़ी थीं, और लोग मोबाइल उठा ले गए। सच में, मानवता मर गई है।” इस अमानवीय कृत्य ने त्रासदी के दर्द को कई गुना बढ़ा दिया है।
Also Read – देशभर के बैंकों का बड़ा फैसला, बदला ये नियम, अब हर खाताधारक को करानी होगी पुष्टि
संयुक्त परिवार की टूटी एकता
बेलहई गांव का यह 14 सदस्यीय संयुक्त परिवार तीन भाइयों का था, जो अपनी एकता और सौहार्द के लिए पूरे गांव में जाना जाता था। 10 दिसंबर की रात करीब 11 बजे परिवार के 10 सदस्य रामलला के दर्शन के लिए बोलेरो से निकले थे।
“पापा, शादी के बाद आ जाउंगी…” पिता का दर्द
मृतका अंकिता पटेल (जो मामा के बेटे की शादी के लिए गुजरात से आई थीं) के पिता सरोज मणि पटेल के आंसू रुक नहीं रहे हैं। अहमदाबाद में सुरक्षा गार्ड का काम करने वाले पिता ने बताया कि 16 नवंबर को उन्होंने अपनी बेटी को आखिरी बार स्टेशन तक छोड़ा था, और जाते-जाते अंकिता ने कहा था, ‘पापा, शादी के बाद आ जाउंगी।’ पिता को सुबह 7 बजे पुलिस से हादसे की खबर मिली, जिसके बाद वह बनारस भागे और अंततः बेटी के शव के साथ लौटते समय अपने भाई के गले लगकर रो पड़े।
Also Read – पति ने पत्नी का अश्लील वीडियो बनाया, 13 मिनट की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर कर दी वायरल
पति की आखिरी यादें: “दूध, कॉफी-शक्कर रखी है, दोपहर में गरम कर लेना…”
मृतका मीराबाई पटेल के पति, महेंद्र मणि पटेल का दर्द भी असहनीय है। रात 11 बजे पत्नी को अयोध्या के लिए छोड़ते वक्त उनकी आखिरी बातें याद कर वह रो पड़े, “जाते-जाते बोली थीं, ‘दूध, कॉफी-शक्कर रखी है… चावल-दाल रखी है, दोपहर में गरम कर लेना।’ मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी।” दो साल का मासूम शिवांश पटेल लगातार रो रहा है, जिसे अभी तक यह नहीं बताया गया है कि उसकी मां आईसीयू में हैं और दादी अब कभी वापस नहीं आएंगी।
गांव में मातम और प्रशासन से गुहार
शुक्रवार को जब मीराबाई और अंकिता पटेल के शव गांव पहुंचे, तो सैकड़ों लोग फूट-फूटकर रो पड़े। हर कोई इस दुर्भाग्यपूर्ण यात्रा पर गहरा दुख व्यक्त कर रहा था। परिवार अब प्रशासन से यह गुहार लगा रहा है कि गंभीर रूप से घायल सदस्यों (शशी पटेल, चंद्रकली पटेल, चित्रसेन पटेल और दीपक पटेल) के इलाज में मदद की जाए, जो अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
