Ujjain Mahakal Temple : इस साल सावन-भादौ 2025 में उज्जैन के महाकाल मंदिर में लाखों भक्तों ने दर्शन किए और करोड़ों रुपए का दान दिया। मंदिर समिति ने बताया कि इस बार भक्तों की संख्या और दान दोनों ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
2023 में जहां सावन-भादौ माह में मंदिर को 23 करोड़ रुपए का दान मिला था, वहीं दो साल बाद 2025 में यह आंकड़ा 7 करोड़ रुपए बढ़कर 30 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। सावन-भादौ के 39 दिनों में ये दान अब तक का रिकॉर्ड है।
2025 में 1.25 करोड़ भक्त पहुंचे मंदिर
2023 में आए थे- 99 लाख भक्त
2024 में आए थे- 90 लाख भक्त
2025 में आए- 1.25 करोड़ भक्त
इस बार सावन-भादौ के 39 दिनों में हर दिन औसतन 3 लाख 20 हजार से ज्यादा लोग महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे।
दान में भी नया रिकॉर्ड
2023 में दान मिला- 20.26 करोड़ रुपए (प्रतिदिन करीब 51 लाख)
2024 में दान मिला- 23.16 करोड़ रुपए (प्रतिदिन 59 लाख।)
2025 में दान मिला- 29.61 करोड़ रुपए (प्रतिदिन 75 लाख)
यानी दो साल में दान में करीब 10 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
मंदिर की आय कहां से हुई? (39 दिन में)
शीघ्र दर्शन टिकट (₹250): ₹10.79 करोड़
प्रसाद की बिक्री: ₹10.13 करोड़
भेंट पेटियां (दान): ₹5.23 करोड़
अन्य स्रोत: ₹3.26 करोड़
कुल आय: ₹29.61 करोड़
7 सालों में महाकाल को मिला 1 अरब से ज्यादा का दान
दान के मामले में उज्जैन का महाकाल मंदिर बीते 5 सालों में काफी आगे बढ़ा है। 2018 से 2021 के बीच मंदिर में रोजाना करीब 40 से 50 हजार श्रद्धालु आते थे। उस समय तीन सालों में कुल ₹40 करोड़ 69 लाख 49 हजार 489 रुपए का दान मिला था।
वहीं, 2019 से 2025 के बीच केवल दान से मंदिर को ₹1 अरब 70 करोड़ 25 लाख 6 हजार 484 रुपए की आय हुई है। ये आंकड़ा सिर्फ दान और भेंट पेटियों से प्राप्त राशि का है। मंदिर को और भी कई स्रोतों से आय होती है, जैसे टिकट, प्रसादी, सेवाएं आदि, जो इसमें शामिल नहीं हैं।
दो सालों में उज्जैन पहुंचे 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु
पिछले दो सालेां, 2023 और 2024 में उज्जैन शहर एक बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनकर उभरा है। इन दो सालों में कुल 12 करोड़ 32 लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचे।
इन श्रद्धालुओं ने मंदिर में बड़े पैमाने पर दान भी किया। महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक के आम जनता के लिए खुलने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
महाकाल लोक बनने के बाद, सिर्फ तीन सालों में दान की राशि तीन गुना बढ़कर, 2023-24 में 60 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। यह राशि सिर्फ भेंट पेटियों और दान से प्राप्त की गई है।