Dewas News : देवास जिले के कई गावों- राजोदा, बालगढ़, पालनगर, नागदा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक वायरस का असर देखा गया है। इससे क्षेत्र के किसानों को गंभीर आर्थिक नुकसान हुआ है।
विशेष रूप से 9560 किस्म की सोयाबीन बोवनी करने वाले किसानों की फसलें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। कई खेतों में तो 60 से 80 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो चुकी है।
प्रारंभिक सर्वे में 40 प्रतिशत नुकसान का अनुमान
गुरुवार को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भारती पटेल और पटवारी आरती वर्मा ने क्षेत्र का दौरा कर प्रभावित किसानों की फसल का सर्वे किया। उन्होंने किसान रमेश कामदार, दर्शन मुकाती, राजेश मुकाती, भीम पटेल, श्याम मुकाती सहित अन्य किसानों के खेतों का निरीक्षण किया।
प्रारंभिक सर्वे के आधार पर कृषि अधिकारी ने 40 प्रतिशत नुकसान का अनुमान जताया है। उन्होंने बताया कि वायरस हवा के माध्यम से फैलता है और खासकर पुरानी वैरायटी 9560 पर इसका असर ज्यादा हुआ है।
पालनगर और नागदा क्षेत्र में स्थिति चिंताजनक
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भारती पटेल ने बताया कि पालनगर और नागदा क्षेत्र में कुल 40 प्रतिशत रकबा इस वायरस की चपेट में आ गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि फसल बीमा योजना के तहत किसानों को राहत दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
हल्का नंबर 11 में 80 प्रतिशत फसल खराब
पालनगर के क्षेत्रीय पार्षद प्रतिनिधि रामचरण पटेल ने बताया कि हल्का नंबर 11 क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर है। यहां करीब 80 प्रतिशत किसानों की फसल पूरी तरह से प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि 9560 किस्म की फसल में फूल भी नहीं आए और वायरस ने अन्य किस्मों की फसलों को भी प्रभावित किया। इससे उत्पादन में सीधा 50 प्रतिशत तक गिरावट आने की आशंका है।
सरकार से सर्वे और मुआवजे की मांग
रामचरण पटेल ने बताया कि उन्होंने इस नुकसान की जानकारी ग्रामीण विस्तार अधिकारी, पटवारी, तहसीलदार और बीमा कंपनी को दे दी है। अब किसान राज्य सरकार से जल्द से जल्द सर्वे कराकर बीमा और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते राहत नहीं दी गई तो आगामी सीजन में खेती करना मुश्किल हो जाएगा।