मनरेगा खत्म करने की तैयारी! मोदी सरकार लाएगी नया ग्रामीण रोजगार कानून, क्या-क्या बदल जाएगा?
By Ashish Meena
दिसम्बर 16, 2025
MGNREGA : ग्रामीण रोजगार से जुड़ी देश की सबसे बड़ी योजना, मनरेगा (MGNREGA), अब इतिहास बनने की कगार पर है। केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 को रद्द कर एक नया कानून लाने की तैयारी में है, जिसका नाम विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-GRAM G प्रस्तावित है। इस नए विधेयक को जल्द ही संसद में पेश किया जा सकता है।
क्यों लाया जा रहा है नया कानून?
सरकार का कहना है कि यह बड़ा नीतिगत बदलाव ‘विकसित भारत @2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप है। इसका उद्देश्य ग्रामीण विकास के ढांचे को मजबूत करना, रोजगार के साथ-साथ आजीविका के स्थायी साधनों को बढ़ावा देना है, ताकि गांवों को और अधिक समृद्ध तथा आत्मनिर्भर बनाया जा सके। प्रस्तावित बिल की प्रति 15 दिसंबर को लोकसभा सदस्यों के बीच सर्कुलेट की गई है, जो इस बदलाव की पुष्टि करती है।
नए कानून में क्या होगा बदलाव?
मनरेगा (MGNERGA) के तहत अभी ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिनों के रोज़गार की कानूनी गारंटी मिलती है। नए प्रस्तावित कानून में इस सीमा को बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही इसमें राज्यों की भूमिका पहले से ज्यादा अहम होगी और खर्च का बड़ा हिस्सा राज्य सरकारों को उठाना पड़ सकता है।
इस विधेयक का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रोजगार के साथ‑साथ आजीविका के स्थायी साधनों को बढ़ावा देना बताया गया है, ताकि गांवों को ज्यादा समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
सेंट्रल ग्रामीण रोजगार गारंटी काउंसिल का प्रस्ताव
बिल में एक सेंट्रल ग्रामीण रोजगार गारंटी काउंसिल बनाने का भी प्रस्ताव है। इस काउंसिल में एक चेयरपर्सन के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य, मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि और समाज के कमजोर वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले 15 से ज्यादा गैर‑सरकारी सदस्य शामिल होंगे। इसके अलावा भारत सरकार के जॉइंट सेक्रेटरी से नीचे के स्तर का एक मेंबर‑सेक्रेटरी भी होगा।
विपक्ष ने उठाए सवाल
मनरेगा की जगह नए कानून लाने और उसमें महात्मा गांधी का नाम हटाने को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा कि सरकार महात्मा गांधी का नाम क्यों हटा रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी देश और दुनिया के सबसे महान नेताओं में से एक हैं और उनका नाम हटाने की वजह समझ से परे है।
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मनरेगा क्या है और क्यों है इतना अहम?
महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट यानी MGNREGA एक ऐसा कानून है, जो ग्रामीण इलाकों में काम करने के अधिकार की गारंटी देता है. इसे साल 2005 में यूपीए सरकार के दौरान लागू किया गया था। शुरुआत में इसका नाम NREGA था, जिसे 2009 में बदलकर MGNREGA कर दिया गया।
इस योजना का मकसद ग्रामीण परिवारों की आजीविका को सुरक्षित करना है. इसके तहत हर ऐसे ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन का अकुशल मजदूरी वाला काम देने की कानूनी गारंटी है, जो काम करना चाहता है।
दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार योजनाओं में से एक
मनरेगा को दुनिया के सबसे बड़े वर्क गारंटी प्रोग्राम्स में गिना जाता है. साल 2022‑23 तक इस योजना के तहत करीब 15.4 करोड़ एक्टिव वर्कर जुड़े हुए थे। नियमों के मुताबिक लाभार्थियों में कम से कम एक‑तिहाई महिलाएं होनी चाहिए।
इस कानून की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि अगर कोई ग्रामीण व्यक्ति काम मांगने के 15 दिन के अंदर उसे काम नहीं मिलता, तो उसे बेरोज़गारी भत्ता देने का प्रावधान है। साथ ही ग्राम सभाओं और पंचायती राज संस्थाओं को काम की योजना और क्रियान्वयन में अहम भूमिका दी गई है।
अब अगर मनरेगा की जगह नया कानून लागू होता है, तो यह ग्रामीण रोजगार और आजीविका सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा नीतिगत बदलाव माना जाएगा। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि नया कानून जमीन पर कितना असरदार साबित होता है।
