RashtriyaEkta - 06-06-2024
Soybean New Variety 2024 : देश के कई राज्यों में मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है और धुआंधार बारिश हो रही है। इस बीच किसानों ने भी फसलों को लेकर खेतों को तैयार कर लिया है। बता दें कि, बारिश के समय ज्यादातर किसान सोयाबीन, मक्का, उड़ाद, धान की खेती करते हैं, लेकिन किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या बीज को लेकर होती है।
क्योंकि आज बाजार में कई किस्म के बीज उपलब्ध है, लेकिन सही बीच का चुनाव कर पाना आसान नहीं होता। ऐसे में आज हम उन किसान भाइयों के लिए सोयाबीन की शानदार किस्म की जानकारी लेकर आए हैं जो की अपनी पैदावार के लिए जानी जाती है इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है, जिसकी वजह से पीला मोजेक जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
देखा जाए तो आज बाजार में सोयाबीन की हजारों केस में मौजूद है। इतना ही नहीं रिसर्च कर हर साल वैज्ञानिकों द्वारा भी नई-नई किस्म को तैयार किया जाता है ताकि किसानों को पैदावार में बढ़ोतरी मिले, लेकिन मानसून विपरीत होने की वजह से फसलों में कई बार किसानों को भारी नुकसान भी झेलना पड़ता है। इतना ही नहीं कई बार सही बीज का चुनाव नहीं कर पाने की वजह से भी किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। आज हम किसान भाइयों के लिए सोयाबीन की किस्म जे.एस. 2172 से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं सोयाबीन की यह किस लगभग 90 से 100 दिन की होती है।
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इसकी पैदावार भी 20 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहती है, हालांकि कई बार मौसम का अच्छा रिस्पांस मिलने के चलते यहां किस्म 30 से 35 क्विंटल तक का भी निकल चुकी है। जे.एस. 2172 का पौधा मध्यम ऊँचाई वाला, शाखाओं वाला, फैलावदार होता है एवं इसका तना हरा होता है। वैरायटी का दाना चमकदार और पीला होता है।इस किस्म के पौधे की हायलम ब्राउन पत्तियाँ हरी एवं पत्तियाँ चोड़ी नुकीली, फूलों का रंग सफेद तथा फलियाँ रोएदार चुपाई एवं चोड़ी बीजाई हेतु एक आदर्श किस्म लाईन से लाईन की दूरी 45 से.मी. पौधे से पौधे की दूरी 7-8 से.मी. रखने पर भी अच्छा परिणाम किसानों को मिल जाता है।
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वहीं बोनी की बात करें तो सामान्य स्थिति में 16 से 18 इंच दूरी पर बीज को बोने से भी अच्छा परिणाम मिल सकते हैं। वहीं प्रति हेक्टेअर बुआई की बात करें तो आप लगभग 80 किलो तक बुआई कर सकते हैं। वहीं इस किस्म का तना मजबूत होने से पौधे के आड़े पड़ने की समस्या ज्यादा नहीं रहती है। इतना ही नहीं जैसे 2172 की ऊंचाई अधिक होने की वजह से इसे आप आसानी से हार्वेस्टर के माध्यम से भी काट सकते हैं। पीला मोजेक वायरस (YMV), चारकोल रॉट, पत्तियों पर बेक्टेरियल पाश्चुल एवं येलो स्पॉट के प्रति सहनशील किस्म होने से किसानों को बिमारियों से होने वाले नुकसान से एक सुरक्षा कवच एवं आत्मविश्वास प्रदान करती है।
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