राजस्थान के उदयपुर में एक नौ साल की बच्ची से रेप और मर्डर के आरोपी को जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. इसी के साथ कोर्ट ने आरोपी के पिता और मामा को भी 4-4 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. आरोपियों ने मासूम बच्ची की हत्या के बाद शव के 10 टुकड़े कर उसे बोरे में भरकर खंडहर में छुपा दिया था. केस डायरी के मुताबिक आरोपी को बचाने के लिए उसके पिता और मामा ने ना केवल सबूतों के साथ छेड़छाड़ की, बल्कि शव को ठिकाने लगाने में उसकी मदद भी की थी. यह वारदात उदयपुर में मावली थाना क्षेत्र के एक गांव में पिछले साल मार्च महीने का है.
इस गांव से रहने वाली 9 साल की मासूम बच्ची संदिग्ध परिस्थिति में लापता हुई थी. अगले दिन गांव के ही खंडहर में इस बच्ची के अंग 10 टुकड़ों में मिले. पुलिस ने मामले की जांच की और तीन आरोपियों को अरेस्ट कर अदालत में पेश किया. मामले की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट में हुई. जहां एक हफ्ते पहले तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया था. वहीं सोमवार को अदालत ने इस वारदात को जघन्यतम करार देते हुए मुख्य आरोपी को फांसी की सजा सुनाई.इसी के साथ वारदात में सहयोग करने वाले दोनों आरोपियों को 4-4 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
सजा सुनकर भी आरोपी के चेहरे पर नहीं था शिकन
इस नृशंस हत्याकांड में आज जब कोर्ट में फैसला सुनाया जा रहा था, आरोपी के चेहरे पर सजा-ए-मौत का ऐलान होने के बाद भी कोई शिकन नहीं था. बल्कि उसने कोर्ट से बाहर निकलते ही खुद को बेगुनाह होने का शोर मचाते हुए कहा कि वह हाईकोर्ट जाएगा. हालांकि इस दौरान उसके पिता और मामा रोते नजर आए. केस डायरी के मुताबिक गुमशुदा बच्ची की तलाश हो ही रही थी कि 1 अप्रैल 2023 को गांव के ही एक खंडहर में बच्ची के अंग मिल गए. 10 टुकड़ों में कटा बच्ची का शव एक बोरे में भरकर रखा गया था. बच्ची की पहचान होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच की और सबूतों के आधार पर आरोपियों को अरेस्ट किया था.
ऐसी वारदात, जिससे तार-तार हुए रिश्ते
पुलिस की पूछताछ में आरोपी कमलेश ने बताया कि बच्ची उसे भैया कहती थी. रक्षाबंधन में उसे रखी बांधती थी. एक दिन वह मोबाइल पर पॉर्न देख रहा था. इसी दौरान उसके सामने बच्ची आ गई. ऐसे में आरोपी ने उसे चॉकलेट देने के बहाने बुलाया और अगवा कर लिया. आरोपी ने इस बच्ची के साथ अपने घर में ही रेप किया और फिर पकड़े जाने के डर से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी ने अपने पिता और मामा के साथ मिलकर शव के 10 टुकड़े किए और बोरे में भरकर रात के अंधेर में उसे खंडहर में ठिकाने लगा दिया.
ऐसे पकड़ा गया था आरोपी
केस डायरी के मुताबिक वारदात के बाद आरोपी कमलेश सबके सामने रहा. बल्कि बच्ची की तलाश करने वालों वह सबसे आगे था. वहीं जब पुलिस ने मामले की जांच की तो वह हर समय पुलिस के साथ रहता था. चूंकि पुलिस को शुरूआत में कोई साक्ष्य नहीं मिला था. ऐसे में पुलिस ने डॉग स्क्वायड को उतारा था. पुलिस के ये ट्रेंड डॉग घूम-फिर कर आरोपी के घर के बाहर रूक जाते थे. इससे पुलिस को शक हुआ और पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वारदात का खुलासा हो गया.