राम मंदिर आंदोलन के योद्धा का निधन, मप्र में ली अंतिम सांस
By Ashish Meena
दिसम्बर 15, 2025
Dr. Ramvilas Das Vedanti : राम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी संत और बीजेपी की हिंदुत्व राजनीति के प्रमुख चेहरे रहे पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह निधन हो गया। 67 वर्ष की आयु में, वेदांती ने मध्य प्रदेश के रीवा में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि रीवा में एक कथा महोत्सव के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
दो दिन से उनका इलाज रीवा के एक हॉस्पिटल में चल रहा था। सोमवार सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें एयरलिफ्ट करके भोपाल एम्स ले जाने की तैयारी थी। एयर एम्बुलेंस पहुंच भी गई, लेकिन कोहरे की वजह से लैंड नहीं कर सकी।
संन्यास से सियासत तक का सफर
डॉ. रामविलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को मध्य प्रदेश के रीवा में हुआ था। उन्होंने मात्र 12 वर्ष की आयु में गृह-त्याग कर संन्यास ले लिया और राम नगरी अयोध्या आ गए। वह हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास के शिष्य बने और जल्द ही संस्कृत के प्रकांड विद्वान के रूप में पहचाने गए। सरयू किनारे स्थित ‘वशिष्ठ भवन’ आश्रम उनका निवास स्थान था।
वेदांती अस्सी के दशक में ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे। वे CM योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ और स्वामी परमहंस के साथ इस आंदोलन की मजबूत कड़ी थे। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे दिग्गजों के साथ वह आंदोलन के प्रमुख स्तंभों में गिने जाते थे। राम मंदिर आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका के कारण ही उन्हें राम मंदिर जन्मभूमि न्यास का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
दो बार के सांसद और बाबरी केस के प्रमुख आरोपी
संत के रूप में पहचान बनाने के बाद, वेदांती ने सियासत में भी कदम रखा। 1996 में, बीजेपी ने उन्हें जौनपुर-प्रतापगढ़ की मछली शहर सीट से लोकसभा प्रत्याशी बनाया, जहाँ उन्होंने जीत हासिल की। 1998 में, वह प्रतापगढ़ सीट से दोबारा सांसद चुने गए।
वेदांती 6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी विध्वंस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक थे। हालाँकि, कोर्ट ने बाद में सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट में दर्ज कराए गए अपने बयान में उन्होंने दृढ़ता से कहा था कि उन्होंने ‘किसी मस्जिद को नहीं, बल्कि मंदिर के खंडहर को तोड़ा था’ और उनका संकल्प केवल भव्य राम मंदिर का निर्माण था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूरा किया।
पार्थिव शरीर अयोध्या रवाना
डॉ. रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर देर शाम तक उनकी कर्मभूमि अयोध्या लाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को अयोध्या में ही पूरे संत परंपरा के साथ किया जाएगा। उनके निधन से पूरे संत समाज और हिंदुत्व राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है।
