Rashtriya Ekta News : मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के कैलारस में ग्राम पंचायत चौकी में एक इंडियन पैंगोलिन नामक की जाती का जानवर मिला, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गयी. गांववालों ने मछली पकड़ने वाले जाल से पैंगोलिन को पकड़ा. गांव के सभी लोगों के सहयोग से सुरक्षित पकड़ लिया गया है. इस बारे में मुरैना जिले की डीएम को फोन पर अवगत करा दिया है. इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर ही पहुंच गई.
चीटी दीमक इसका मुख्य भोजन हैं, भारतीय पैंगोलिन, पैंगोलिन की एक प्रजाति है और इसे मोटी पूंछ वाला पैंगोलिन भी कहा जाता है. यह भारतीय उपमहाद्वीप का मूल निवासी है. ये भारत, श्रीलंका, नेपाल, और भूटान में पाया जाता है. यह एशिया में सबसे पश्चिमी क्षेत्र में पाया जाने वाला पैंगोलिन है. जानते हैं भारतीय पैंगोलिन के बारे में कुछ खास बातें.
यह एक कीटभक्षी है और चींटियों और दीमकों को खाता है. इसके शरीर पर बड़े-बड़े शल्क होते हैं. जो कवच की तरह काम करते हैं. ये शल्क केराटिन से बने होते हैं और इसके आस-पास के रंग के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं. यह रात में सक्रिय रहता है और दिन में गहरे बिलों में आराम करता है. यह बाघ जैसे शिकारियों से बचने के लिए खुद को गेंद की तरह लपेट सकता है.
पैंगोलिन की इस प्रजाति का बहुत ज्यादा शिकार होता है, जिसकी वजह से यह विलुप्ति की कागार पर आ गया है. इसकी त्वचा और अंगों का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है.इसकी लंबी जीभ होती है जिससे यह चींटियों और दीमकों को पकड़ता है. इसकी दृष्टि खराब होती है, इसलिए यह अपनी गंध से दीमक और चींटियों के घोंसलों का पता लगाता है.