बिलाल ने की हिंदू प्रेमिका की हत्या, रोमांस के बहाने कार में उतरवाए कपड़े, फिर काट दिया गला, शादी से एक रात पहले घर से भागी थी लड़की
By Ashish Meena
दिसम्बर 17, 2025
Murder of Hindu Girlfriend : हरियाणा के यमुनानगर में हिंदू प्रेमिका की हत्या कर सिर काटने के सनसनीखेज केस में नए खुलासे हुए हैं। पुलिस रिमांड पर चल रहे बिलाल ने बताया कि उसने उमा से रोमांस करने के बहाने कार में कपड़े उतरवाए। फिर इसके बाद गला घोंटा। उसने सोचा था कि कपड़े और सिर नहीं मिलेगा तो लाश की शिनाख्त नहीं होगी।
हत्यारोपी प्रेमी ने यह भी कबूला है कि गर्दन काटने के लिए वह घर से ही मीट काटने वाला छुरा छिपाकर लाया था। सोमवार को यमुनानगर उमा के सिर का पोस्टमॉर्टम करवाया गया। उसकी शिनाख्त के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से उमा का पिता और भाई आए। उन्होंने सिर देखकर इसके उमा का होने की शिनाख्त की।
हालांकि उनके चेहरे पर कोई भावुकता नहीं दिखी। पिता पवन ने कहा- हमारे लिए तो उमा तभी मर गई थी, जब वो शादी से एक रात पहले घर से भाग गई थी। बेशक परिजनों ने सोमवार को यमुनानगर सिविल अस्पताल पहुंचकर उमा के कटे हुए सिर की शिनाख्त कर दी है, लेकिन पुलिस ने कोर्ट में सबूत पेश करने के लिए उसके परिवार में से डीएनए जांच के लिए सैंपल लिए हैं। ताकि पक्के तौर पर शिनाख्त कर केस की मजबूती से पैरवी की जा सके।
क्राइम ब्रांच-2 के इंचार्ज राकेश कुमार ने बताया कि वारदात में इस्तेमाल चाकू कलेसर के जंगलों से बरामद कर लिया गया है। बिलाल ने जो कपड़े पहने हुए थे, वे भी उसके गांव से बरामद किए। वारदात में प्रयुक्त गाड़ी को भी बरामद कर लिया गया है। उमा का आई कार्ड बिलाल से बरामद किया गया। उमा के सिर का उसके परिवार ने संस्कार कर दिया है। उसके परिजनों का डीएनए के लिए सैंपल ले लिया गया है और अभी जांच जारी है।
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परफेक्ट जगह ढूंढने के लिए 100 किलोमीटर कार चलाई
पेशे से टैक्सी ड्राइवर बिलाल ने पुलिस को बताया कि 6 दिसंबर को उसने सोच रखा था कि आज उमा को हर हाल में ठिकाने लगा देगा। उसे ऐसी जगह की तलाश थी जो मर्डर के लिए परफेक्ट हो और केस हमेशा के लिए ब्लाइंड बनकर रह जाए। उसने उत्तर प्रदेश के सहारपुर स्थित टिडोली गांव से पहले शहर जाकर उमा को घुमाने के बहाने साथ लिया। फिर करीब 100 किलोमीटर गाड़ी चलाकर हत्या के लिए परफेक्ट लोकेशन तलाश की।
हत्या से पहले रोमांस के बहाने उतरवाए उमा के कपड़े
जब वह यमुनानगर में नेशनल हाईवे पर प्रतापनगर एरिया में पहुंचा तो उसने उमा से रोमांस की इच्छा जाहिर की। इस दौरान उमा ने भी हामी भर दी। दोनों शारीरिक संबंध बनाने की तैयारी करने लगे। इस दौरान बिलाल ने उमा के अंडर गार्मेंट को छोड़कर सारे कपड़े उतरवा दिए। घूमने के नाम पर उमा बड़े चाव से नई काले-सफेद रंग की धारीदार सलवार-कमीज, काली जैकेट और लाल शॉल लेकर आई थी। बिलाल फिर बहाने से पीछे की सीट पर चला गया और सीट बेल्ट की मदद से उसका गला घोंट दिया।
गर्दन काटने के लिए घर से ही लेकर आया छुरा
उमा को गला घोंटकर मारने के बाद बिलाल उसकी नग्न लाश को पॉपुलर की नर्सरी में लेकर गया। उसका गला काटने के लिए वह छुरा अपने घर से ही लेकर आया था। उसकी मर्डर प्लानिंग में उमा की पहचान छिपाने के लिए यह सब पहले से ही शामिल था। कटा सिर और उतारे गए कपड़ों को करीब 12 किलोमीटर दूर लाल ढांग खाई में फेंक दिया।
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एलॉय व्हील में लगी लाइट से पकड़ में आई कार
बिलाल अपने दोस्त की स्विफ्ट कार मांग कर लाया था। कार के एलॉय व्हील में लाइट लगी हुई थी। यह लाइट कार की पहचान में मददगार साबित हुई और पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई। 6 दिसंबर की रात करीब 11ः34 बजे यह पहियों में लाइटों वाली कार अराइयांवाला में टाइल फैक्ट्री के आगे से गुजरी, जो CCTV में कैद हुई। इसके बाद यह कार 11ः40 बजे हथिनीकुंड बैराज से यूपी की ओर जाती सीसीटीवी में कैद हुई। अभी यह कार बरामद नहीं हुई है।
लंढौरा बारात लेकर जाने वाला था बिलाल, निकाह रद्द
हत्यारोपी बिलाल निकाह से एक दिन पहले (13 दिसंबर) को पकड़ा गया। उसका निकाह 14 दिसंबर को को लंढौरा निवासी युवती से होना था। ऐसे में जब इस हत्याकांड के बारे में उसके होने वाले ससुराल में पता चला तो उन्होंने यह रिश्ता तोड़ दिया। ऐसे यह शादी का माहौल मातम में तबदील हो गया।
कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से हुआ था उमा का रिश्ता
उमा के पिता पवन ने कहा- हमारे लिए तो उमा 13 साल पहले ही मर चुकी थी। आज भी 3 मार्च 2012 की वो रात याद है। जब सहारनपुर के गांव हलालपुर स्थित घर पर उमा की शादी की तैयारियां चल रही थीं। मेहंदी का कार्यक्रम था। अगले दिन कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से उसकी बारात आने वाली थी।
बारात आने से एक रात पहले घर से भागी
उमा ने शादी के लिए अपनी पसंद की ड्रेस ली थी और हाथों पर अपने होने वाले पति के नाम की मेहंदी भी रचाई। घर पर हलवाई बैठे थे और रिश्तेदारों का तांता लगा हुआ था। उस रात उमा मेहंदी की सभी रस्मों से फुरसत पाकर रात करीब 9 बजे सोने के लिए चली गई। 10 बजे जब उसकी बहन ने कमरे में जाकर देखा तो उमा वहां पर नहीं थी। यह बात सभी रिश्तेदारों में तुरंत फैल गई। उमा को रातभर तलाशा लेकिन वह नहीं मिली। सुबह तक पता चला कि वह गांव के ही एक दिव्यांग जोनी के साथ चली गई थी।
उमा के बदले उसकी मामा की बेटी बनी दुल्हन
सुबह बारात उनकी चौखट पर खड़ी थी, लेकिन दुल्हन का कहीं कुछ अता पता नहीं था। ऐसे में उन्होंने मामा की लड़की को दुल्हन बनाकर उमा की जगह बारात के साथ विदा किया। उन्होंने उसी दिन उमा को मरा हुआ समझ लिया था। उस दिन के बाद न तो उससे कभी बात की और न ही उसका चेहरा देखा।
अब 13 साल बाद कटा सिर देखने को मिला
पिता ने कहा कि कभी सोचा न था कि 13 साल बाद उन्हें बेटी का कटा हुआ सिर देखने को मिलेगा। वह कटे हुए सिर को अपने साथ बेशक ले जा रहे हैं, लेकिन इसका अंतिम संस्कार एक बाप नहीं, बल्कि सिर्फ इंसानियत के नाते ही करेंगे। उमा छह भाई बहनों में सबसे छोटी थी, इसलिए वह सबकी लाडली भी थी। उसकी एक गलती ने उसे परिवार की नजरों में तो गिराया ही, अब उसका खुद का अंत भी बहुत दुखद हुआ।
हिंदू संगठन आए, परिजन बोले- बखेड़ा नहीं चाहते
मामला दो समुदायों का होने के चलते सोमवार को उमा के परिजनों से मिलने शहर के हिंदू संगठन के कुछ लोग भी सिविल अस्पताल पहुंचे। मगर, परिजनों ने साफ तौर पर बोल दिया कि अब वे इसे बेटी नहीं मानते। यह तो उनके लिए तभी मर गई थी, जब वो घर से भागी थी। वे इसके लिए किसी भी प्रकार का संघर्ष नहीं करना चाहते। पिता पवन ने कहा कि बेशक उसने अपनी बेटी को मरा हुआ समझा हुआ था, लेकिन इस प्रकार का नरसंहार करने वाले बिलाल को सख्त सजा होनी चाहिए।
