राष्ट्रपति के काफिले की कार में ब्लास्ट, खुफिया एजेंसी के पास हुई घटना, मच गया हड़कंप

By Ashish Meena
March 30, 2025

Putin : मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काफिले की कार में ब्लास्ट हुआ है। यह धमाका खुफिया एजेंसी FSB के मुख्यालय के बाहर हुआ। यह एक लग्जरी लिमोजिन कार थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इंजन में आग लग गई थी और फिर अंदर फैल गई।

हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह हत्या की साजिश थी या सिर्फ एक हादसा। इसके बाद से पुतिन की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय में चिंताएं बढ़ गई है। 26 मार्च को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया था कि जल्द पुतिन की मौत होगी।

राष्ट्रपति पुतिन अक्सर इस लिमोजिन कार का इस्तेमाल करते रहते हैं। उन्होंने नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी पिछले साल यह कार गिफ्ट की थी। इसे रूस में बनाया जाता है।

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जेलेंस्की ने कहा था- पुतिन की मौत के बाद सब ठीक होगा
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेंलेंस्की ने 26 मार्च को पेरिस में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि जल्द ही पुतिन की मौत हो जाएगी और फिर सब कुछ (यूक्रेन जंग) खत्म हो जाएगा। जेलेंस्की ने कहा कि यह एक फैक्ट है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा- पुतिन जिंदगी भर सत्ता में बने रहना चाहते हैं। उनकी महत्वाकांक्षाएं यूक्रेन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका पश्चिमी देशों से भी सीधा टकराव हो सकता है।

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सुरक्षा के 4 घेरों में रहते हैं पुतिन
पुतिन के बॉडीगार्ड खुद को उनके “मस्किटियर्स” कहते हैं। इनमें रूस की फेडरल सिक्योरिटी फोर्स (FPS) या FSO के लोग शामिल होते हैं। इनके पास बिना किसी वारंट के तलाशी और निगरानी, गिरफ्तारी और अन्य सरकारी एजेंसियों को आदेश जारी करने का अधिकार है।

सड़क पर पुतिन एक हथियारों से लैस कानवाय यानी काफिले के साथ चलते हैं। इनमें एके -47, टैंक-रोधी ग्रेनेड लॉन्चर और पोर्टेबल एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें शामिल हैं।

जब पुतिन भीड़ में होते हैं तो सुरक्षा के चार घेरों में होते हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ एक सेक्शन उनके बॉर्डीगार्ड ही दिखाई देते हैं। दूसरा घेरा भीड़ के बीच छिपा होता है। तीसरा घेरा भीड़ के किनारे पर होता हैा। इसके अलावा आसपास की छतों पर स्नाइपर्स भी बैठे होते हैं।

पुतिन के बॉडीगार्ड को रिटायरमेंट के बाद मिलता है नया पद
पुतिन के बॉडीगार्ड को 35 साल की उम्र के बाद रिटायर कर दिया जाता है। हालांकि, उन्हें रिटायरमेंट के बाद विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। उन्हें गवर्नर, मंत्री, स्पेशल फोर्स में ऑफिसर के रैंक दिए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी पुतिन के खाने को टेस्ट करता है, ताकि ये पता लाया जा सके कि उन्हें जहर ना दिया जा रहा हो।

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