MP Hindi News : मध्य प्रदेश में किसानों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब खंडवा में किसानों की नाराजगी का मामला सामने आया है. सोयाबीन का भाव नहीं मिलने से किसान आक्रोशित हो गये. उन्होंने कृषि उपज मंडी के गेट पर तालाबंदी कर हंगामा किया. प्रदर्शनकारियों ने सोयाबीन का दाम बढ़ाने की मांग की. किसानों की शिकायत थी कि अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं.
कृषि उपज मंडी में हंगामे की खबर पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने नाराज किसानों को समझाने की कोशिश की. किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि सोयाबीन समर्थन मूल्य पर खरीदारी होने की स्थिति में रेल रोको आंदोलन चलाने को मजबूर होंगे. भारतीय किसान संघ के सुभाष पटेल ने बताया कि सोशल मीडिया और सड़कों पर किसान लगातार आंदोलन चला रहे हैं. किसानों की मांग है कि सोयाबीन की खरीदारी समर्थन मूल्य पर की जाये. कुछ दिन पिछले सोयाबीन कृषि उपज मंडी में 4500 रुपये पर बिक रहा था.
सोमवार को मंडी खुलने पर सोयाबीन की कीमत घटकर 3200 रुपये हो गयी. लिहाजा किसानों के सब्र का बांध टूट गया. उन्होंने मंडी के गेट पर ताले लगा दिए. अभी तो किसानों ने रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी दी है. मांग को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है. सुभाष पटेल ने कहा कि किसानों के जनप्रतिनिधि भी सरकार तक बात पहुंचाने का काम करें. सोयाबीन का भाव 4892 रुपये के अलावा किसानों को 1108 रुपये का बोनस दिया जाए.
6000 का समर्थन मूल्य किसानों को मिलने पर बात बनेगी. वरना आगे किसानों का बड़ा आंदोलन सरकार देखेगी. किसानों ने साफ चेतावनी दि कि अभी तो मुट्ठी बंद है. बंद मुट्ठी खुल गयी तो सरकार परेशानी में आ जायेगी. फिर सरकार से कोई बात करने को तैयार नहीं होगा. समय सीमा समाप्त होने के बाद किसान रेलवे ट्रैक पर नजर आयेंगे. उन्होंने सरकार से मांग पर जल्द फैसला लेने की अपील की. मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे फसल की बिक्री बंद होनी चाहिए. समर्थन मूल्य से ऊपर किसानों को फसल का दाम दिया जाए.
मंडी सचिव ओपी खेड़े ने बताया कि किसान सोयाबीन का कम दाम मिलने से नाराज थे. नाराजगी में उन्होंने मंडी के गेट पर धरना दे दिया था. किसानों की मांग थी कि सोयाबीन की खरीदारी समर्थन मूल्य पर की जाये. मंडी सचिव ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को समझाया गया है कि समर्थन मूल्य के पंजीयन का काम तेजी से चल रहा है. किसानों से पंजीयन करवाने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि उपज में अभी नमी है. सुखाने के बाद समर्थन मूल्य पर खरीदारी संभव हो सकेगी. हर सीजन में करीब 6 लाख क्विंटल तक सोयाबीन की आवक मंडी में होती है.