बजट में किसानों को मिलेगी बड़ी सौगात, इतनी बढ़ सकती है सम्मान निधि योजना की राशि, ये घोषणाएं संभव

By Ashish Meena
January 15, 2025

Budget 2025 : अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट पर किसानों की भी निगाह रहेगी। किसानों को भी उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनकी इनकम बढ़ाने वालीं कुछ घोषणाएं कर सकती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट में रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस हो सकता है। सरकार ऐसी व्यवस्था कर सकती है कि किसानों की जेब में कुछ पैसे बचें और उन्हें फसलों की सही कीमत मिले।

किसान क्रेडिट कार्ड
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि आम बजट 2025 में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का ऐलान हो सकता है। इसे 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक किया जा सकता है।

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किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में की गई थी। इसके जरिए सरकार किसानों को कम ब्याज दर पर कृषि लोन की सुविधा देती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 30 जून, 2023 तक सक्रिय किसान क्रेडिट कार्ड खातों की संख्या 7.4 करोड़ से अधिक थी। बीते कुछ समय में कृषि की लागत बढ़ी है, इसके मद्देनजर सरकार क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ा सकती है।

GST पर मिलेगी राहत
बजट में खेती में इस्तेमाल होने वाले बीज और कीटनाशक आदि पर GST में राहत वाली घोषणा भी संभव है। मौजूदा व्यवस्था के तहत बीज और फर्टिलाइजर्स पर जीएसटी की दरें अलग-अलग हैं। इसके अलावा, कृषि से जुड़ी स्कीमों के लिए आवंटन बढ़ाने की घोषणा भी हो सकती है। जानकारों का मानना है यदि सरकार कृषि के लिए आवंटन बढ़ाती है, तो इससे ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़ेगी जिसका फायदा किसानों को होगा।

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किसान सम्मान निधि
यह भी माना जा रहा है कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली रकम को बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल, किसानों को इस योजना के तहत सालाना 6000 रुपये मिलते हैं, जिसे बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जा सकता है।

इस योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को हुई थी। इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद देना है। योजना के तहत हर साल किसानों को तीन किश्तों में 6000 रुपये दिए जाते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, महंगाई और खर्चों के अनुपात में 6000 रुपये की मदद पर्याप्त नहीं है। यदि राशि बढ़ती है, तो किसान खेती में बेहतर निवेश कर सकेंगे। साथ ही इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।

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