Indore : इंदौर शहर में रहने वाले और इंदौर जाने वाले लोगों को अब सड़क पर मिलने वाले भिखारियों पर दरियादिली दिखाना महंगा पड़ सकता है. किसी भी भिखारी को भीख देने पर व्यक्ति पर केस भी दर्ज हो सकता है.
इंदौर कलेक्टर ने शहरवासियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि 1 जनवरी से भीख देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस पर एफआईआर दर्ज की जाएगी. कलेक्टर ने इंदौरवासियों से अपील की कि वे किसी भी व्यक्ति को भीख देकर पाप में भागीदार न बनें और ऐसा करने से बचें.
कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन ने हाल ही में शहर में भीख मंगवाने वाले विभिन्न गिरोहों का खुलासा किया है, जो न सिर्फ समाज में असमंजस पैदा करते हैं, बल्कि गरीबों और जरुरतमंदों का शोषण भी करते हैं. इन गिरोहों द्वारा मजबूर लोगों का इस्तेमाल करके अवैध रूप से भीख मंगवाई जाती है, जो कानूनन अपराध है.
कलेक्टर ने दिया साफ संदेश
इसी कड़ी में प्रशासन ने आगामी 1 जनवरी से भीख देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है. अगर कोई व्यक्ति भीख देने में शामिल पाया जाएगा तो उसके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाएगी.
कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन का उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और यह सुनिश्चित करना है कि जो लोग वास्तव में मदद के हकदार हैं, उन्हें सीधे सहायता मिल सके, न कि उनके नाम पर कोई शोषण हो.
इंदौर में पकड़े गए अमीर भिखारी
इंदौर में प्रशासन ने शहर से भिखारियों को हटाने की मुहिम शुरू की है. इस में पता चला है कि इंदौर में कुछ भिखारी बहुत अमीर हैं. इन भिखारियों के पास एक आम आदमी से ज्यादा संपत्ति है. कुछ भिखारी प्लॉट, मकान और जमीनों के मालिक हैं.
323 भिखारियों को महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने पकड़कर उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा है. जांच में पता चला है कि कुछ भिकारियों की कमाई 50 से 60 हजार रुपये तक है. एक भिखारी के पास तो 10 बीघा खेती की जमीन मिली.