Rashtriya Ekta News : मध्य प्रदेश में नदियों को लेकर जल्द ही मोहन सरकार एक प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेगी, दरअसल, प्रदेश में नदियों को एक दूसरे से जोड़ने की योजना काफी पुरानी है. लेकिन सरकार अब इस योजना को लेकर तेजी से विचार कर रही है. इस बात की जानकारी खुद मोहन सरकार में मंत्री लखन पटेल ने दी है.
उनका कहना है कि नदियों को एक दूसरे से जोड़ने की योजना यूं तो काफी पुरानी है. लेकिन सरकार ने अब इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की तैयारी कर ली है. क्योंकि नदियों को आपस में जोड़ने से सूबे की न केवल तस्वीर बदलेगी बल्कि यह किसानों के हित में भी एक बड़ा कदम साबित होगा.
दरअसल, देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के ड्रीम प्रोजेक्ट नदियों को नदियों से जोड़ने का क्रम देश भर में जारी है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है. अब तो एक राज्य से दूसरे राज्य की नदियों को भी जोड़ा जा रहा ऐसे में अब मध्य प्रदेश में अब राज्य के अंदर की नदियों को एक दूसरे से जोड़ने का काम जल्दी शुरू होगा. क्योंकि प्रदेश में बड़े पैमाने पर नदियां हैं.
प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने दमोह में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशा के अनुरूप अब इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा, मंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियों के जुड़ने के बाद पूरे प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढेगा और खेती उन्नत हो जाएगी.
उन्होंने बुंदेलखंड की नदियों को नर्मदा से जोड़ने के सपने को साकार होते देखने की बात करते हुए कहा है कि कभी सूखा ग्रस्त माने जाने वाला ये इलाका पिछले वर्षों में आगे बढ़ा है और अब जब नदी से नदी जुड़ेगी तो इस अंचल का एक भी क्षेत्र सूखा ग्रस्त नहीं बचेगा. इस योजना का लाभ बुंदेलखंड को भी मिलेगा.
दरअसल, मध्य प्रदेश में छोटी बड़ी मिलाकर कुल 207 नदियां बहती हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश को नदियों का मायका भी कहा जाता है. ऐसे में यहां भी लंबे समय से नदियों को जोड़ने की योजना पर काम करने की बात कही जा रही है. हाल ही में चंबल नदी को लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच भी समझौता हो गया है. यह करीब 20 साल पुराना मामला था, जो अब सुलझ गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही मध्य प्रदेश में नदियों को जोड़ने की परियोजना पर भी काम शुरू हो जाएगा.