Harmeet : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम में भारतवंशियों की धमक बढ़ती जा रही है. लिस्ट में नया नाम हरमीत के ढिल्लों का जुड़ा है. ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी हरमीत के ढिल्लों को न्याय विभाग में सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया है. ट्रंप ने खुद इसका ऐलान किया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मुझे अमेरिकी न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में हरमीत के ढिल्लों को नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है. ट्रंप ने कहा, अपने पूरे करियर के दौरान हरमीत नागरिक स्वतंत्रताओं की रक्षा के लिए खड़ी रही हैं. हरमीत अमेरिका की टॉप वकीलों में से एक हैं. वह डार्टमाउथ कॉलेज और वर्जीनिया यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल से स्नातक हैं.
चंडीगढ़ में जन्मीं हरमीत ढिल्लों
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हरमीत सिख समुदाय की एक सम्मानित सदस्य हैं. न्याय विभाग में हरमीत हमारे संवैधानिक अधिकारों की अथक रक्षक होंगी और हमारे नागरिक अधिकारों और चुनाव कानूनों को निष्पक्ष और दृढ़ता से लागू करेंगी.
हरमीत ढिल्लों का जन्म चंडीगढ़ में हुआ. जब वह बच्ची थी, तब ही उनके माता-पिता अमेरिका चले गए थे. 2016 में वह क्लीवलैंड में जीओपी कन्वेंशन के मंच पर उपस्थित होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं.
इन भारतवंशियों को ट्रंप की टीम में मिली जगह
डोनाल्ड ट्रंप अपनी टीम में अब तक कई भारतवंशियों को नामित कर चुके हैं. नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी उषा चिलुकुरी भारतीय मूल की हैं. उषा का संबंध आंध्र प्रदेश से है.
कार्यक्षमता बढ़ाने वाले विभाग के प्रमुख के पद पर नियुक्त हुए विवेक रामास्वामी का जुड़ाव भी केरल से है. उनके माता-पिता केरल से अमेरिका में जाकर बस गए थे और यहीं पर उनका जन्म हुआ. इसके अलावा कोलकाता में जन्मे जय भट्टाचार्य को ट्रंप ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक पद के लिए चुना है.
यही नहीं ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग का प्रमुख नियुक्त किया है. गबार्ड ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप का खुलकर समर्थन किया था. ट्रंप ने हाल ही में काश पटेल को एफबीआई का प्रमुख नामित किया है.
न्यूयॉर्क में जन्मे पटेल की जड़ें गुजरात में हैं. हालांकि उनके माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से हैं . मां तंजानिया से और पिता युगांडा से हैं. वे 1970 में कनाडा से अमेरिका आए थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, हम गुजराती हैं.
70 के दशक के अंत में परिवार न्यूयॉर्क के क्वींस में चला गया, जिसे लिटिल इंडिया कहा जाता है. यहीं पर काश पटेल का जन्म और पालन-पोषण हुआ. पटेल के माता-पिता अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अपना समय अमेरिका और गुजरात दोनों में बिताते हैं.